Janta Ki Awaz
व्यंग ही व्यंग

वो नकारा .... मै कोई बैगन बेचने आया : अभय सिंह

वो नकारा .... मै कोई बैगन बेचने आया  : अभय सिंह
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बेचता नहीं बैगन ।

ना मैं सब्जीवाला ।।

गहलोत का तेवर ।

भड़ास ये निकाला ।।

बताये वो नकारा ।

और है निकम्मा ।।

लांघ दिए मर्यादा

बोल गए ज्यादा ।।

करने आया काम ।

स्पष्ट ये बतलाया ।।

दू:खी होता मन ।

सभी दिया सम्मान ।।

सचिन पर हमला ।

केन्द्रित हर बयान ।।

कुर्सी का है भूख ।

चाल लें अनुरुप ।।

द्वंद है ये जारी ।

पटखने की तैयारी ।।

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