बदले की है भावना बर्बरता पूर्ण काम : अभय सिंह
BY Anonymous5 Nov 2020 3:57 AM GMT
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Anonymous5 Nov 2020 3:57 AM GMT
हुई है गर चूक।
कानून तहत करो काम।।
कैसी यह मानसिकता?
बर्बरता पूर्ण काम।।
बदले की है भावना।
ठीक नही ये चलन।।
जाहिर है मनसा।
करना जो दमन।।
रची गई षड्यंत्र की।
आ रही है जो बू।।
खेल यह खिनौना।
बदसलूकी क्यों?
चौथा है स्तम्भ।
खोलती जब पोल।।
बौखलाई सरकार।
आजमा रहा जोर।।
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