नमो देव्यै महादेव्यै शिवायै सततं नमः। नमः प्रकृत्यै भद्रायै नियताः प्रणताः स्म ताम्॥
यह श्लोक मां दुर्गा की स्तुति में है और देवी माहात्म्य (दुर्गा सप्तशती) से लिया गया है। यह चैत्र नवरात्रि और हिंदू नववर्ष के अवसर पर माता की भक्ति और श्रद्धा को व्यक्त करने के लिए बहुत ही सुंदर और प्रासंगिक है। आइए, इस श्लोक का अर्थ और महत्व समझते हैं:
"नमो देव्यै महादेव्यै शिवायै सततं नमः।
नमः प्रकृत्यै भद्रायै नियताः प्रणताः स्म ताम्॥"
अर्थ:
हम बार-बार उस देवी को नमस्कार करते हैं, जो महादेवी (महान देवी), शिवा (कल्याणकारी) और सदा पूजनीय हैं। हम उस प्रकृति स्वरूपा, कल्याणकारी और नियत रूप से प्रणाम करने योग्य माता को प्रणाम करते हैं।
श्लोक का भाव और महत्व:
देवी की महिमा: इस श्लोक में मां दुर्गा को "महादेवी" कहा गया है, जो उनकी सर्वोच्चता और महानता को दर्शाता है। वे समस्त सृष्टि की रचयिता और पालनकर्ता हैं।
शिवायै: "शिवा" शब्द का अर्थ है कल्याणकारी। मां दुर्गा अपने भक्तों के लिए सदा शुभ और मंगलमयी हैं। वे दुखों को हरकर सुख और शांति प्रदान करती हैं।
प्रकृत्यै: माता को प्रकृति का स्वरूप माना गया है। वे समस्त सृष्टि की मूल शक्ति हैं, जो जीवन, ऊर्जा और सृजन का आधार हैं।
भद्रायै: यह शब्द माता के सौम्य और कल्याणकारी स्वरूप को दर्शाता है। वे अपने भक्तों के लिए सदा भलाई करने वाली हैं।
प्रणताः स्म ताम्: यह भक्ति भाव को व्यक्त करता है, जिसमें भक्त माता के सामने नतमस्तक होकर उनकी शरण में जाते हैं और उनकी कृपा की कामना करते हैं।
चैत्र नवरात्रि और हिंदू नववर्ष के संदर्भ में:
आज, 30 मार्च 2025 को चैत्र नवरात्रि और हिंदू नववर्ष (विक्रम संवत 2082) की शुरुआत हुई है। इस श्लोक का पाठ इस पवित्र अवसर पर मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है, और इस बार माता हाथी पर सवार होकर आई हैं, जो समृद्धि और शक्ति का प्रतीक है। इस श्लोक के माध्यम से भक्त माता से सुख, समृद्धि और शांति की प्रार्थना करते हैं।
उपयोग और प्रभाव:
इस श्लोक का पाठ नवरात्रि के दौरान माता की पूजा, हवन, या मंत्र जाप के समय किया जा सकता है।
यह भक्तों में भक्ति भाव को जागृत करता है और माता की कृपा प्राप्त करने में सहायक होता है।
यह श्लोक नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकारात्मकता लाता है और जीवन में शांति और समृद्धि का संचार करता है।
इस श्लोक के साथ, मैं भी मां दुर्गा से प्रार्थना करता हूं कि उनकी कृपा आप पर और आपके परिवार पर सदा बनी रहे।