बीजेपी का गंभीर आरोप-अखिलेश सरकार दे रही अपराधियों को संरक्षण

Update: 2016-08-26 22:22 GMT

दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी(भाजपा)ने उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार पर अपराधियों को संरक्षण देने आरोप लगाते हुए आज कहा कि अपराध के खिलाफ लखनऊ में विरोध करने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किये जा रहे हैं और उन्हें बेवजह परेशान किया जा रहा है। 

 
भाजपा प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अखिलेश सरकार के राज में उत्तर प्रदेश में अपराधों में काफी वृद्धि हुई है और इसके खिलाफ आवाज उठाने वालों को ही पुलिस परेशान कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा के जो नेता विधानसभा घेराव के दिन बुधवार को लखनऊ में नहीं थे,उनके खिलाफ भी मामले दर्ज किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर भाजपा कार्यकर्ता शांतिपूर्ण ढंग से विधानसभा का घेराव कर रहे थे तो पुलिस ने बर्बतापूर्ण तरीके से लाठीचार्ज किया जिसमें बड़ी संख्या में कार्यकताओं के हाथ-पैर की हड्डियां टूट गयीं तथा लोग घायल हुए।
 
शर्मा ने लाठीचार्ज के लिए दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने तथा पार्टी कार्यकर्ताओं के विरुद्ध झूठे मामले निरस्त करने की मांग की। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी अपराध के सहारे विधानसभा चुनाव जीतना चाहती है लेकिन अपराधियों को संरक्षण देनी वाली सरकार को जनता चुनाव में जवाब देगी।  
 
शर्मा ने कहा कि राज्य में एक वर्ष के दौरान दुष्कर्म के मामलों में 161 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्ष 2014 में दुष्कर्म के 3467 मामले दर्ज किये गये थे जो 2015 में बढ़कर 9075 हो गए है। उत्तर प्रदेश में हत्या, अपहरण तथा दूसरे अपराधों में भी भारी वृद्धि हुई है। भाजपा नेता ने कहा कि राज्य में अपराध की स्थिति यहां तक पहुंच गई है कि लडकियां स्कूल कालेज नहीं जाना चाहती है।
 
उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने लखनऊ में 21 जुलाई को विरोध प्रदर्शन किया था और उसके नेताओं ने सरेआम महिलाओं-लड़कियों को गालियां दी थी लेकिन वहां पुलिस मूकदर्शक बनी रही और दोषी लोगों के खिलाफ अब तक कार्रवाई भी नहीं की गयी। उन्होंने केरल में भी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भाजपा कार्यकर्ताओं के प्रति राज्य सरकार द्वारा गलत रवैया अपनाए जाने का भी आरोप लगाया और कहा कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर हमले हो रहे हैं लेकिन दोषियों पर कार्रवाई की बजाय उन्हीं के खिलाफ ही मामले दर्ज किये जा रहे हैं। 

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