मुलायम सिंह यादव की साइकिल के पीछे बैठकर जैन कॉलेज, करहल में पढ़ाई के लिए जाने वाले रामसेवक यादव आहत हैं। कहते हैं कि नेताजी (मुलायम सिंह यादव) ने पार्टी खड़ी की है। उन्हें दुखी देख पूरा सैफई दुखी है। उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाने का फैसला गलत है। रामसेवक समेत सैफई ही नहीं, इटावा और मैनपुरी के बहुत सारे लोग चाहते हैं कि मुलायम का परिवार एक रहे, प्रदेश में सपा सरकार बने।
वे मानते हैं, थोड़ा ही सही, परिवार के विवाद का असर चुनावों पर पड़ेगा। इटावा और मैनपुरी में घूमने पर उनकी बातों की तस्दीक भी होती है। दोनों जिलों के चुनाव पर भी इसका असर दिखता है।
इन दोनों जिलों में 2012 के विधानसभा चुनाव में सपा ने सभी सीटें जीती थीं। अब स्थिति बदली हुई है। इटावा और किशनी (मैनपुरी) सीटों पर सपा कड़े संघर्ष में फंसी हुई है। असर औरैया, फर्रुखाबाद, एटा, कासगंज और फिरोजाबाद की कई सीटों पर पड़ सकता है।
तय नहीं कर पा रहें अखिलेश के पाले में रहें या मुलायम के
सैफई के लगभग हर परिवार का नेताजी से सीधा जुड़ाव है। अजय कुमार यादव बताते हैं कि उनके पिता ताले सिंह और शिवपाल सिंह यादव क्लास फैलो रहे हैं। ताले सिंह का तीन माह पहले निधन हो चुका है।
अजय बताते हैं कि उनके पिता जब छठी क्लास में थे तब नेताजी (मुलायम सिंह) उनके क्लास टीचर थे। वह कहते हैं कि परिवार एकजुट रहेगा तो अच्छा रहेगा, मजबूत भी रहेगा। यहां के लोगों के सामने भी दिक्कत है कि वे किस पाले में खड़े हों। मुलायम का पूरे गांव में सम्मान है। लोग मानते हैं कि उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से नहीं हटाया जाना चाहिए था।
अजय के साथ बैठे पड़ोस के झेंगूपुर गांव के शादी लाल यादव और सैफई के सियाराम यादव कहते हैं कि परिवार जब बड़ा होता है तो थोड़ा बहुत विवाद हो ही जाता है।
मुलायम सिंह ही परिवार गांव, क्षेत्र और जिले को यहां तक लाएं हैं। सभी लोग चाहते हैं कि परिवार एक रहे, सपा की सरकार बने और मुलायम सिंह फिर सम्मान के साथ अध्यक्ष बनाए जाएं।