परिवार इकट्ठा रहे, इसके लिए मेरी माँ हमेशा नेताजी से विनती करती रहती है – प्रतीक यादव
लखनऊ, पिछले दिनों परिवार मे जो भी कुछ घटा, मैं उससे इत्तेफाक नहीं रखता हूँ। जहां तक मेरी माँ का सवाल है, वह अपने दोनों बेटों को बराबर प्यार करती हैं। उनका भरसक यही प्रयास रहता है कि हम दोनों साथ रहें। अखिलेश भाई साहब जब हम लोगों को छोड़ कर गए थे,माँ बहुत रोई थी। उन्होने हमेशा विवाद को सुलझाने के लिए प्रयत्न किया है। लेकिन नेताजी उनकी सुनते कहाँ है ? यदि सुनते होते, तो इतना बवाल ही नहीं होता। वे कहते हैं कि यह राजनीतिक मसला है, तुम इसके बारे मे कुछ नही जानती हो, इसलिए बेकार मे मत बोला करो। परिवार को एकजुट करने के लिए माँ बड़े से बड़ा त्याग करने को तैयार रहती है।
– प्रो. (डॉ.) योगेन्द्र यादव