लखनऊ - योगी सरकार की कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश तीर्थ विकास परिषद गठन को मंजूरी दी। उप्र बृज नियोजन, विकास बोर्ड अधिनियम में संशोधन और नई शीरा नीति 2017-18 समेत छह महत्वपूर्ण फैसले किए हैं। इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने से तीर्थ स्थल विकास की राह आसान हो गई है। यह फैसला तब हुआ जब योगी सरकार ने अपने पहले बजट में तीर्थ स्थलों के लिए विशेष योजनाएं शुरू की हैं।
नई शीरा नीति को मंजूरी मिलने से आबकारी विभाग को लाभ मिलेगा। कैबिनेट ने बलिया जिले के रसड़ा में 400 केवी विद्युत उपकेंद्र के निर्माण के लिए हथकरघा विभाग की जमीन हस्तानांतरित करने को मंजूरी दी है। कताई मिल की 76.31 एकड़ भूमि से 26116 एकड़ भूमि का हस्तांतरण किया जाना है। दंत सर्जन सेवा नियमावली 1979 द्वितीय संशोधन को भी मंजूरी मिली है। अब दंत चिकित्सकों की प्रोन्नति भी सामान्य चिकित्सकों की तरह हो सकेगी।
ब्रज तीर्थ विकास परिषद अध्यक्ष होंगे मुख्यमंत्री
कृष्णा सर्किट में आने वाले ब्रज क्षेत्र के तीर्थों के विकास के लिए 'ब्रज तीर्थ विकास परिषद' के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अध्यक्ष होंगे। उनके सहयोग के लिए पूर्ण कालिक उपाध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीइओ) भी नियुक्त होंगे। स्वदेश दर्शन योजना के तहत कृष्णा सर्किट में आने वाले मथुरा, वृदांवन, गोकुल, नंदग्राम, गोवद्र्धन परिक्रमा और इसके आसपास के तीर्थों को विकसित करने के लिए प्रदेश सरकार ने केंद्र की मदद से यह महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है। अकेले गोवर्धन क्षेत्र के विकास और इसके परिक्रमा मार्ग के चारो ओर चार लेन में बनने वाली सड़क और श्रद्धालुओं के लिए बुनियादी सुविधाओं के विकास पर 4500 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव है। विकास के कामों में पारदर्शिता हो। काम समय से और गुणवत्ता के साथ हों इसी मकसद से मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में ब्रज तीर्थ विकास परिषद का गठन किया गया है।