राजनीतिक विश्लेषकों के हिसाब से नीतीश के पास तीन विकल्प हैं. पहला- नीतीश लालू को समझाए की तेजस्वी को इस्तीफा दे देना चाहिए. दूसरा- अगर इस्तीफा नही देंगे तो बर्खास्त करना मज़बूरी होगी हालांकि ये अंतिम फैसला होगा. ये तब सम्भव है जब नीतीश गठबंधन से अलग होने का फैसला कर लें. तीसरा रास्ता- जैसे चल रहा है चलने दें, लेकिन यहां नीतीश के सामने चुनौती है.
नीतीश की पार्टी के अनेक नेताओं की राय लालू से अलग हो जाने की है. बैठक में नेताओं ने लालू के साथ होने से हो रहे नुकसान के बारे में बताया. नीतीश के लिए राहत की बात ये है कि उनके लिए एनडीए के भी दरवाज़े खुले हैं.
दागी मंत्री के साथ कैबिनेट की बैठक करने वाले नीतीश मुस्कुरा रहे हैं पर उनकी पार्टी अब आक्रमक हो रही है. नीतीश की पार्टी के प्रवक्ता आरजेडी के बयान सुनकर सुनकर पक गए थे अब उल्टा आरजेडी के पाले में गेंद फेंककर उनकी परेशानी बढ़ा दी है. डॉक्टर अजय आलोक तो नसीहत ही नहीं दे रहे बल्कि साफ कह रहे हैं कि तेजस्वी को इस्तीफा दे देना चाहिए.