वाराणसी - प्रदेश की सत्ता गंवाने के बाद भी समाजवादी परिवार में तकरार न तो कम हुई और न ही रार की धार। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले से लगातार दो तरफा वार के कारण रिश्तों में खींची दरार के भी भरने के आसार नहीं दिखते। गुरुवार शाम बनारस पहुंचे वरिष्ठ सपा नेता शिवपाल यादव के तेवर कुछ यही बयान कर रहे थे।
सर्किट हाउस में मीडिया से मुखातिब पूर्व मंत्री ने सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की ओर इशारा करते हुए कहा सद्बुद्धि के लिए एक माह का समय दिया है। इससे उन्होंने अपनी अगली रणनीति के लिए मियाद भी तय कर दी। प्रदेश में विपक्ष कब सक्रिय होगा के सवाल पर साफ शब्दों में बोले, यह तो रामगोविंद चौधरी से पूछा जाना चाहिए।
योगी सरकार के सौ दिन का मूल्यांकन भी उन्होंने रामगोविंद के ही पाले में डाला और यह भी कहा कि सरकार को कम से कम छह माह का समय दिया ही जाना चाहिए। बनारस जिला पंचायत में अविश्वास प्रस्ताव पर बेपरवाही से उन्होंने कहा कि सरकारें बदलती हैं तो अपने स्तर पर प्रयास किए ही जाते हैं। राजद परिवार पर केंद्रीय इकाइयों की कार्रवाई पर बोले जांच में सब साफ हो जाएगा, कोई दोषी होगा तो सजा पाएगा।
राजद की ओर से प्रस्तावित महागठबंधन पर उन्होंने कहा इसके लिए वह खुद, और नेताजी भी प्रयासरत थे लेकिन अब इसका कोई मतलब नहीं रहा। उन्हें इसके लिए न्योता भी नहीं मिला है, कह कर उन्होंने अपनी लाइन भी स्पष्ट कर दी।
बहरहाल, अपने जवाबों से उन्होंने यह जरूर साफ किया कि फिलहाल वह वेट ऐंड वाच की स्थिति में हैं लेकिन उनके नगर आगमन पर सपा नेताओं-कार्यकर्ताओंका उत्साह व जुटान ने पार्टी में जल्द आने वाले उफान का भी संकेत दे दिया।
पूर्व मंत्री शिवपाल ने बनारस प्रवास के दौरान रिश्तों की डोर को भी मजबूत करने का प्रयास किया। कार्यकर्ताओं से मेल- मुलाकात के बाद वह वरिष्ठ सपा नेता राधाकृष्ण संजय यादव के खजुरी स्थित आवास पहुंचे और उनके पिता सेवानिवृत्त उपनिदेशक अभियोजन बलराम सिंह यादव के निधन पर शोक जताया।