15 साल बाद ही सही, जू में सफेद बाघों का कुनबा आबाद हो गया। सफेद बाघिन विशाखा ने जन्माष्टमी की रात एक बजे से तड़के चार बजे के बीच तीन शावकों को जन्म दिया। इनमें से एक शावक कमजोर था, इसलिए 5 घंटे बाद ही उसकी मौत हो गई। बाकी दो शावक एकदम स्वस्थ हैं और मां का दूध पी रहे हैं। फिलहाल दोनों शावक और मां तीन दिनों तक जू प्रशासन की निगरानी में हैं। इससे पहले जू में वर्ष 2001 में सफेद शावकों ने जन्म लिया था।
जन्माष्टमी की रात सफेद बाघिन विशाखा ने तीन शावकों को जन्म दिया तो जू में खुशियों की किलकारी गूंज उठी। जू प्रशासन उन पर पूरी नजर रख रहा है। 15 साल बाद सफेद बाघ का कुनबा बढ़ने से प्रशासन बेहद खुश नजर आ रहा है।
दोपहर से ही बदलने लगे थे हावभाव
जू स्टाफ को बृहस्पतिवार दोपहर से ही विशाखा के हावभाव में बदलाव नजर आ रहा था। पूर्व प्रसव की आशंका जाहिर होते ही डॉक्टरों और कीपरों की टीम तैनात कर दी गयी थी।
गर्भकाल के 101वें दिन देर रात करीब सवा बजे विशाखा ने अपने बाड़े में पहले शावक को जन्म दिया। देर रात दो बजे के पहले उसने दूसरे शावक को जन्म दिया।
जबकि तड़के चार बजे से कुछ पहले उसने तीसरे शावक को जन्म दिया। जो दो शावक तेज नजर आ रहे थे वे मां का दूध भी पीने लगे जबकि, तीसरा शावक शुरू से काफी कमजोर नजर आ रहा था।
दोपहर से ही बदलने लगे थे हावभाव
जू स्टाफ को बृहस्पतिवार दोपहर से ही विशाखा के हावभाव में बदलाव नजर आ रहा था। पूर्व प्रसव की आशंका जाहिर होते ही डॉक्टरों और कीपरों की टीम तैनात कर दी गयी थी।
गर्भकाल के 101वें दिन देर रात करीब सवा बजे विशाखा ने अपने बाड़े में पहले शावक को जन्म दिया। देर रात दो बजे के पहले उसने दूसरे शावक को जन्म दिया।
जबकि तड़के चार बजे से कुछ पहले उसने तीसरे शावक को जन्म दिया। जो दो शावक तेज नजर आ रहे थे वे मां का दूध भी पीने लगे जबकि, तीसरा शावक शुरू से काफी कमजोर नजर आ रहा था।