बुलंदशहर गैंगरेप मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच पर रोक लगा दी है. वहीं कि याचिकाकर्ता ने इस जांच को यूपी से दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग की थी. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक यह तय नहीं हो जाता की मामला कहां चलेगा, तब तक इस जांच पर रोक लगी रहेगी.
बता दें, कि गैंगरेप की शिकार नाबालिग ने अदालत से अपील की थी कि केस की जांच और सुनवाई को दिल्ली स्थांतरित कर दिया जाए. पीड़िता ने यह भी मांग की थी कि जांच अदालत की निगरानी में कराई जाए.
पीड़िता ने अपना दाखिला दिल्ली के स्कूल में कराने और सुरक्षा दिए जाने की भी अपील की है. इसके अलावा उसने अपने परिवार का पुनर्वास कराए जाने की भी बात कोर्ट के सामने रखी है.
पीड़िता ने अदालत से आजम खान और दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज कराने की भी मांग रखी थी. मालूम हो कि आजम खान के बयान के कारण ना केवल उन्हें विपक्ष की आलोचना का शिकार होना पड़ा, बल्कि अखिलेश सरकार की भी काफी किरकिरी हुई. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी उनके इस बयान का समर्थन नहीं किया था.
30 जुलाई को हुई वारदात
मालूम हो कि बुलंदशहर में 30 जुलाई को कोतवाली देहात क्षेत्र के पास हाइवे संख्या 91 पर अपराधियों ने नोएडा से शाहजहांपुर जा रहे एक परिवार की कार को रुकवाया और पुरुष सदस्यों के सामने महिला और उनकी नाबालिग बेटी के साथ गैंगरेप किया था. इस मामले में शामिल 7 आरोपियों में से 6 को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है. पीड़ित परिवार ने गिरफ्तार आरोपियों की पहचान भी कर ली है.