लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि चौके की बात चौकी तक कैसे आ गई। हर किसी के मन में यह सवाल कौंध रहा है कि आखिर यह लड़ाई है या फिर सीएम अखिलेश यादव की इमेज बिल्डिंग के लिए मुलायम कुनबे की फिक्सिंग। सपा की विरोधी पार्टियों ने तो इसे ड्रामा करार दिया है और साथ ही यह भी कहा है कि ये पब्लिक है सब जानती है।
जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, अखिलेश यादव का ऑपरेशन क्लीन अभियान बढ़ता जा रहा है। वह जानते हैं कि जब उनकी पार्टी चुनाव में जाएगी तो उनके लिए सबसे अहम उनकी इमेज होगी। याद कीजिए मायावती का पिछला कार्यकाल। उन्होंने भी चुनाव से ऐन पहले कुछ इसी तरह अपने मंत्रियों को बर्खास्त करना शुरू किया था। उनकी भी कोशिश ईमानदारी की इमेज गढ़ने की थी, लेकिन चुनाव में जनता ने इस कोशिश को बुरी तरह से नकार कर सपा के हाथ में सत्ता सौंप दी थी।
अब अखिलेश यादव भी मंत्रियों पर आक्रामक हो रहे हैं। यही नहीं मंत्रियों को बर्खास्त करने के मामले में वह मायावती से भी आगे निकल गए हैं। मायावती ने अपने शासन में 10 मंत्रियों पर कार्रवाई की थी तो बेहद नरम माने जा रहे अखिलेश यादव ने अब तक के अपने कार्यकाल में 18 मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया है। हालांकि मुलायम सिंह यादव के हस्तक्षेप के बाद इनमें से पांच की वापसी हो गई थी।
मुलायम-शिवपाल के करीबियों पर गिर रही गाज
हाल ही में सीएम ने पंचायती राज एवं पशुधन मंत्री राजकिशोर सिंह और खनन मंत्री गायत्री प्रजापति को हटाया है। इनमें से राजकिशोर सिंह शिवपाल यादव के करीबी हैं और गायत्री को खुद मुलायम सिंह मानते हैं। सीएम ने शिवपाल के करीबी मुख्य सचिव दीपक सिंघल को इसलिए चलता कर दिया क्योंकि वह अमर सिंह की पार्टी में गए थे। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि अखिलेश क्यों इतने सख्त कदम उठा रहे हैं। क्या वह अपनी उस छवि से बाहर आना चाहते हैं जिसमें उन्हें सिर्फ छाया सीएम बताया जा रहा था। कहा जा रहा था कि यूपी में पांच-सात सीएम हैं, अखिलेश की तो चलती नहीं।
विपक्षियों को ड्रामा लग रहा है घटनाक्रम
ऑपरेशन क्लीन क्या अखिलेश यादव की इमेज बिल्डिंग है और क्या पूरा कुनबा मिलकर यह सब कर रहा है। क्यों बढ़ रहा है घर का संघर्ष। कहीं चुनावी स्टंट तो नहीं। यूपी में चल रहे परिवार और सरकार के इस हाई वोल्टेज ड्रामे का जल्दी अंत होता नहीं दिख रहा है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य का कहना है कि मंत्रियों की बर्खास्तगी नाटक है। सीएम को खुद इस्तीफा दे देना चाहिए। उधर बसपा के प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर ने कहा है कि सपा अपनी विफलताओं से ध्यान हटाने के लिए ये ड्रामा कर रही है।