2017 के विधानसभा चुनाव सिर पर आ रहे हैं और सपा पार्टी के मुख्य बड़े नेताओं में एक दूसरे के प्रति नाराजगी और टांग खींचना जारी है। हाल ही में सोमवार को शिवपाल ने 21 प्रत्याशियों को टिकट दिए। हैरानी वाली बात यह है कि चाचा ने टिकट तो बांटे लेकिन इनकी जानकारी अखिलेश को नहीं मिली। शिवपाल ने जिन प्रत्याशियों को टिकट दिए उनमें से दो जुर्म की दुनिया में फंसे हुए हैं। एक पत्नी की हत्या के मामले में अमनमणि और दूसरे एनआरएचएम घोटाले में फंसे मुकेश श्रीवास्तव। इन्हें टिकट मिलने से अखिलेश यादव की साफ छवि को भी नुक्सान हो रहा है। वहीं दूसरी ओर जो अखिलेश के नजदीकी हैं उन्हें नजरअंदाज किया गया जिसके चलते वह नाखुश हैं।
टिकट बंटवारे और पुराने कैंडिडेटों के काटे गए नाम को लेकर जब मुख्यमंत्री अखिलेश से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इस बारे में फिलहाल उन्हें कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि टिकट जिसको मर्जी मिले असली तो वही होगा जो दुरुप का इक्का है। मुख्यमंत्री ने दो टूक कह दिया कि इन नामों का फाइनल न समझा जाए ये बदले भी जा सकते हैं। टिकट बंटवारें को लेकर चले इस घमासान को देखकर साफ जाहिर होता है कि दोनों चाचा भतीजा एक दूसरे की टांग खिंचने में लगे हैं। एक तरफ विरोधी पार्टीयां विधानसभा चुनावों की तैयारियों में जुटी हुई हैं, वही सपा पार्टी में सियासी जंग अभी भी जारी है। अब देखना यह है कि आखिर कब खत्म होगी यह सियासी जंग।