लखनऊ: समाजवादी पार्टी (एसपी) के प्रवक्ता दीपक मिश्र ने नवाजुद्दीन सिद्दीकी को रामायण में भूमिका निभाने से रोकने की भर्त्सना की है, दीपक मिश्र ने कहा समाजवादी पार्टी सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने वाली साम्प्रदायिक ताकतों की सोच व गतिविधियों की भत्र्सना करते हुए आगाह करती है कि देश हित में विद्वेष व नफरत की राजनीति न करें। इस देश में सदियों से सभी धार्मिक, राष्ट्रीय व सामाजिक पर्व सभी लोगों द्वारा मिल जुल कर मनाया जाता रहा है। श्री नवाजुद्दीन सिद्दीकी का रामायण में भूमिका निभाने से रोकना भारतीय संस्कृति के दृष्टिकोण से अनुचित है। वे शबरी के बेर खाते हैं, इसका अभिप्राय यह है कि समाज में कोई भी अस्पृश्य या अछूत नहीं हैं। वे सहअस्तित्व के प्रबल हिमायती थे। राम के नाम पर सामाजिक समरसता बिगाड़ने का काम निदंनीय है। तुलसीदास को "रामचरित मानस" लिखने के बाद पोंगापंथियों ने बहिष्कृत कर दिया। उस समय उन्होंने अधिकांश समय मस्जिद में बिताया और वहीं से रामगुण गाए। उन्हांेने "विनय पत्रिका" में स्वयं लिखा है "मांग के खइबो, मसीद में रहिबो, लेने को एक न देबे को दोऊ। "भारतरत्न बिस्मिल्लाह खान शिव मंदिर के परिसर सदैव शहनाई बजाते रहे हैं। सत्ता व स्वार्थ के लिए आस्था, कला व संस्कृति के प्रतीकों का दुरूपयोग करने से लोकतंत्र व लोकजीवन के स्वाभाविक प्रवाह पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। शिव सेना एवं भारतीय जनता पार्टी दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। एक दूसरे का एजेण्डा लागू करते हैं। उत्तर प्रदेश में "साम्प्रदायिक कार्ड" असफल होते देख भाजपा शिव सेना को भी साथ ले आई है। समाजवादी पार्टी साम्प्रदायिक शक्तियों का उत्तर देने में सक्षम है। चुनावी तैयारी में समाजवादी पार्टी सबसे आगे नम्बर वन की स्थिति में हैं। बाकी दल मीलों पीछे हैं। विकास व नेतृत्व पर बात करने के लिए कुछ न होने के कारण विपक्षी दल अनाप-शनाप अफवाह उड़ाने में लगे हैं।