न जाति का भला कर सके न क्षेत्र का विकास-जनता की आवाज स्पेशल कवरेज//संतकबीरनगर
यू पी के संतकबीरनगर जिले का मेंहदावल विधान सभा क्षेत्र जिसे सत्ताधारी समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है जहाँ से लगातार पाँचवी बार भी सपा ने एकतरफा जीत हासिल कर वर्ष 2012 के विधान सभा चुनाव में इतिहास रच डाला था, गरीब का बेटा जान कर जिस जनता ने पूर्व खाद्य एवं रसद राज्यमंत्री लक्ष्मीकांत उर्फ़ पप्पू निषाद जो वर्तमान में सेतुनिगम के चेयरमैन है को इसलिए जिताया था ताकि वो क्षेत्र का विकास कर सके, अति पिछड़ी जाति का होने के नाते निषाद समुदाय सहित अन्य पिछड़ी जातियों को ये भरोसा था कि विधायक पप्पू उनके लिए आरक्षण का रास्ता साफ कर देंगे, पिछले कई वर्षों से आरक्षण का लाभ लेने के लिए संघर्ष कर रही निषाद जाति अब विधायक पप्पू से निराश है क्योंकि पिछले साढ़े चार सालों भीतर इन्होंने कभी भी ये प्रयास नही किया कि निषादो को आरक्षण मिल जाय जबकि पिछले वर्ष आरक्षण की मांग करने के दौरान मचे भगदड़ के कारण जिले के मगहर में एक निषाद समुदाय के युवक की मौत भी हो गई थी, इस मामले में अभी भी कई निषाद या तो जेल में है या गम्भीर मुकदमो में फंसकर न्यायलयों के चक्कर काट रहे है जिनकी आज तक पप्पू ने कोई खोज खबर नही ली ।इन सबको यदि छोड़ कर विधायक पप्पू निषाद के चुनावी एजेंडे की करे तो इनके द्वारा वर्ष 2012 के चुनावों में क्षेत्र की जनता से ये वादा किया गया था कि क्षेत्र की खराब सड़को, बिजली, बदहाल बर्तन उद्योग सहित बुनकरो की समस्या को खत्म करने के साथ बखिरा झील को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का काम करेंगे लेकिन ये काम आज तक नही हो पाया जिसके चलते इस बार वर्तमान विधायक पप्पू के खिलाफ जबरदस्त जन आक्रोश है जिसके चलते इस बार मेंहदावल का मजबूत समाजवादी किला हर हाल में ढह जाएगा ऐसा कयास सभी का है ।