इधर, बर्खास्त होने के बाद शिवपाल यादव ने अपने सरकारी आवास 7 कालिदास मार्ग को खाली कर दिया है.
समाजवादी पार्टी में मचे सियासी भूचाल के बीच यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्यपाल राम नाइक को भरोसा दिलाया है कि प्रदेश में कोई संवैधानिक संकट नहीं है.
अखिलेश ने राज्यपाल को विधायकों का समर्थन पत्र भी दिया है, जिसमें 205 विधायकों के समर्थन का दावा किया गया है. सियासी लिहाज से ये संख्या बेहद महत्वपूर्ण है. इसमें 20 विधायकों का जिक्र नहीं हैं.
ऐसे में सवाल उठता है कि ये विधायक कौन हैं? क्या वे शिवपाल खेमे के हैं? या फिर इन विधायकों ने जानबूझकर अखिलेश को समर्थन देने के मसले पर चुप्पी साध रखी है?
इधर, राज्यपाल राम नाइक ने अखिलेश से कहा, 'यह सियासी संकट नहीं है, पारिवारिक है. इसे जल्द सुलझाओ.' कहा जा रहा है कि सीएम और गवर्नर के बीच ये सिर्फ शिष्टाचार मुलाकात थी. गवर्नर ने सीएम से सियासी हालत पूछे.
संविधान विशेषज्ञों का भी कहना है कि एक बार बहुमत का समर्थन देने के बाद छह महीने तक कोई दिक्कत नहीं है. वैसे बुधवार को गवर्नर दिवाली मानाने के लिए मुंबई रवाना होंगे. अब मुख्यमंत्री 6 महीने के लिए सुरक्षित हैं. जबकि चुनाव उससे पहले ही होंगे.