पीएम मोदी के बयान से उत्साहित बलूच नेता ने अब यूरोप, यूएस से मांगा समर्थन

Update: 2016-08-16 18:05 GMT

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयानों से उत्साहित बलूचिस्तान के राष्ट्रवादी नेताओं ने दमनकारी पाकिस्तान के खिलाफ अब अमेरिका और यूरोपीय देशों से मदद मांगी है। बलोच नेशनल मूवमेंट के चेयरमैन खलील बलोच ने एक बयान में अपील करते हुए कहा कि 'दुनिया को यह समझना चाहिए कि बलूचिस्तान में पाकिस्तान धार्मिक आतंकवाद का प्रयोग अपनी नीतियों के तौर पर कर रहा है। इसके परिणाम पूरी दुनिया के लिए खतरनाक साबित होंगे, जरूरत इस बात की है कि इसका जवाब दिया जाए।'

खलील ने कहा, 'बलोच उम्मीद करता है कि अमेरिका और यूरोप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर पाकिस्तान को मानवाधिकारों के उल्लंघन और युद्ध अपराधों के लिए जवाबदेह बनाएंगे। पाकिस्तान पिछले 68 सालों से बलूचिस्तान पर जबरन कब्जा जमाए हुए हैं। अपनी आजादी के लिए बलूचिस्तान ने पाकिस्तान के साथ अब तक पांच लड़ाइयां लड़ी हैं।'

बलूचिस्तान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि अधिकृत बलूचिस्तान में पाकिस्तान के युद्ध अपराधों के प्रति अंतरराष्ट्रीय समुदाय की उदासीनता की नीति चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, बलूचिस्तान में नस्लीय जन संहार को अंजाम दे रहा है। 

खलील बलोच ने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान स्वागत योग्य कदम है। 

बलोच पितामह का एनकाउंटर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करते हुए बलोच रिपब्लिकन पार्टी के प्रेसिडेंट ब्रह्मदघ बुगती ने एक वीडियो स्टेटमेंट में कहा, 'उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार, भारतीय मीडिया और पूरा हिन्दुस्तान बलूचिस्तान राष्ट्र के लिए अपनी आवाज बुलंद करेगा। साथ ही बलोच आजादी मूवमेंट के लिए व्यावहारिक रूप से कदम उठाने से भी नहीं हिचकेगा।'

बुगती, बलूचिस्तान के पितामह नवाब अकबर बुगती के पोते हैं। नवाब अकबर बलूचिस्तान के राष्ट्रवादी नेता रहे हैं। पाकिस्तान आर्मी ने एनकाउंटर में नवाब अकबर की हत्या कर दी थी। ब्रह्मदघ बुगती ने कहा कि आतंक के साथ पाकिस्तान की मिली भगत है और भारत में आतंकी हमले करवाता है। मुंबई और पठानकोट जैसे आतंकी हमले उसे बेनकाब करते हैं।

शांति नहीं चाहता पाक

उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान अभियान और दुनिया के लोग जानते हैं कि 1970 में पाकिस्तानी बर्बरता से बंगाली लोगों को बचाने के लिए भारत सरकार ने हस्तक्षेप किया था। 

अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर के लिए आजादी की मांग करता है और बलूचिस्तान में लोगों की आवाज को पूरी ताकत से दबाता है। यह पाकिस्तान के दोहरे रवैये को दर्शाता है। इससे साबित होता है कि पाकिस्तान क्षेत्र में शांति स्थापित नहीं होने देना चाहता है। 

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस संबोधन में बलूचिस्तान और पीओके में पाकिस्तान द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन का जिक्र किए जाने बलोच नेताओं में उत्साह का संचार हुआ है। 

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