सिंधू के तेवर देख सोने का सपना मुश्किल नहीं, पहली बार ओलंपिक बैडमिंटन में रजत
नई दिल्लीः रियो ओलंपिक में गुरुवार का दिन खुशियां ही खुशियां लेकर आया। सूरज उगने पर जब समूचा भारत रक्षाबंधन मनाता उससे पहले ही साक्षी ने रात दो बजे भारत की सूना कलाई को कांस्य पदक से सजा दिया था। मगर एक और खुशखबरी इंतजार कर रही थी। शाम होते-होते देश की एक और बेटी पीवी सिंधू ने बैडमिंटन के फाइनल में पहुंचकर देश के लिए रजत पक्का कर दिया। इसी के साथ सिंधू बैडमिंटन फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गईं। जब सिंधू ने मैच जीता तो रियो सेंटर पवेलियन-4 में बैठे भारतीय दर्शक खुशी से झूम उठे।
सिंधू ने जादुई खेल दिखाकर वापसी कर जीता मुकाबला
जब पहला गेम हुआ तो सिंधू ने 10-6 की बढ़त हासिल की। जापानी खिलाड़ी ओकुहारा ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया मगर, सिंधु से पार नहीं पा सकीं। 27 वें मिनट में गेम 21-19 किया। दूसरे गेम में साक्षी लय बरकरार नहीं रख सकीं। मगर फिर यहीं से सिंधू ने करिश्माई खेल शुरू किया। उन्होंने जापानी खिलाड़ी को 5-5 और 10-10 से पराजित कर दिया। लगातार 11 अंक हासिल कर 21-10 से मैच अपने पाले में कर लिया। 22 मिनट तक गेम का फैसला हो गया।
ओलंपिक में पहली बार भारत को मिलेगा रजत पदक
रियोसेंटर पवेलियन-4 में हुए मुकाबले में सिंधू ने छठीं वरीयता प्राप्त खिलाड़ी जापान की निजोमी ओकुहारा को सीधे गेम में 21-19, 21-10 से हराते हुए फाइनल का टिकट हासिल किया। फाइनल में अब सिंधू का मुकाबला शीर्ष वरीयता प्राप्त स्पेन की कैरोलिनी मारिन से होगा। रजत पदक मिलना तय है। ओलंपिक बैडमिंटन के इतिहास में भारत के लिए यह पहला सिल्वर होगा।