पड़ोस का एक देश आतंकवाद को जन्म दे रहा है : मोदी

Update: 2016-09-08 09:28 GMT

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान की ओर साफ इशारा करते हुए आज 'आतंकवाद के बढ़ते निर्यात' पर गहरी चिंता जताई और कहा कि यह क्षेत्र की सुरक्षा पर मंडराने वाला एक साझा खतरा है. उन्होंने आतंकवाद से निपटने के लिए आसियान के सदस्य देशों से एक साझा रिएक्शन देने की अपील की.

बढ़ते वाक्युद्ध के बीचबीते दो दिन में दूसरी बार पाकिस्तान पर बोला हमला

यहां 14वें आसियान-भारत सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि घृणा की विचारधारा के कारण बढ़ता कट्टरपंथ और बढ़ती हिंसा का प्रसार डिफेंस से जुड़े कुछ दूसरे खतरे हैं. नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच बढ़ते वाक्युद्ध के बीच मोदी ने बीते दो दिन में दूसरी बार पाकिस्तान पर हमला बोला है. उन्होंने कहा, 'आतंकवाद का एक्पोर्ट, बढ़ता कट्टरपंथ और दिनों-दिन बढ़ती हिंसा का ये बढ़ावा हमारे समाजों की सुरक्षा पर मंडराने वाले साझा खतरे हैं." मोदी ने कहा, "यह खतरा स्थानीय, क्षेत्रीय और इसके साथ-साथ लगातार बदलावों से भरा हुआ है. आसियान के साथ हमारी साझेदारी हर स्तर पर को-ऑर्डिनेशन और को-ऑपरेशन के जरिए रिएक्शन चाहती है." उन्होंने कहा कि बढ़ती पारंपरिक एवं गैर पारंपरिक चुनौतियों के मद्देनजर संबंधों में राजनीतिक सहयोग बेहद जरूरी हो गया है.

आतंकवाद फैलाने वालों पर प्रतिबंध लगाए जाने, अलग-थलग किए जाने की मांग की

प्रधानमंत्री मोदी ने साइबर सुरक्षा पर भी बोलते हुए कहा, "हम साइबर सुरक्षा, कट्टरपंथ के खात्मे और आतंकवाद से मुकाबला करने के लिए ठोस कदम उठाना चाहते हैं." सोमवार को मोदी ने जी20 सम्मेलन के दौरान पाकिस्तान पर तीखा हमला बोलते हुए कहा था कि दक्षिण एशिया में "एक देश" ऐसा है, जो "आतंक फैलाने वालों" को बढ़ावा दे रहा है. मोदी ने आतंकवाद फैलाने वालों पर प्रतिबंध लगाए जानेऔर उन्हें अलग-थलग किए जाने की, न कि पुरस्कार दिये जाने की मांग की थी.

शांति, स्थिरता और खुशहाली लाने वाली हमारी साझा प्रॉयरिटी- मोदी

अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि आसियान भारत की एक्ट ईस्ट नीति के सेंटर में है. उन्होंने तमाम देशों के प्रमुखों के 10 सदस्यीय समूह से कहा, "हमारा जुड़ाव इस इलाके में शांति, स्थिरता और खुशहाली लाने वाली हमारी साझा प्रॉयरिटी से आगे बढ़ता है." उन्होंने कहा कि संपर्क को बढ़ाना आसियान के साथ भारत की साझेदारी के केंद्र में है.मोदी ने कहा कि भारत और दक्षिणपूर्वी एशिया के बीच अनइंटरप्टेड डिजीटल कम्यूनिकेशन एक साझा मकसद है. मोदी ने आगे भारत के आसियान देशों से संपर्क के मुद्दे पर बने मास्टर प्लान को लेकर अपनी प्रतिबद्धता भी जताई.

आसियान के सदस्य देशों का शुक्रिया

समुद्री मार्गों को "वैश्विक व्यापार की जीवन रेखाए" बताते हुए मोदी ने कहा कि समुद्रों की सुरक्षा एक साझा जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि भारत यूएन के समुद्र कानून पर आधारित समझौते (यूएनसीएलओएस) के मुताबिक दी जाने वाली नौवहन की आजादी का समर्थन करता है. आपसी जुड़ाव की प्रकृति, दिशा और प्राथमिकताओं पर अपने-अपने विचार एक-दूसरे से बांटने के लिए मोदी आसियान के सदस्य देशों का शुक्रिया अदा किया.

आसियान में लातोस ने की भारत के योगदान की तारीफ

उन्होंने कहा, "हमारी साझेदारी के तीन स्तंभ हैं डिफेंस, इकॉनमी और समाज-संस्कृति, इन तीनों ही में अच्छी तरक्की भी हुई है. उन्होंने कहा कि भारत और आसियान का जुड़ाव 'इकॉनमिक ऑप्टिमिज्म' का जुड़ाव है. प्रधानमंत्री ने कहा, "हमारे आर्थिक संबंधों को विस्तार देना और इसे गहराई देना जारी है." लातोस के प्रधानमंत्री थोंगलोउन सिसोउलिथ ने भारत की एक्ट ईस्ट नीति और आसियान में भारत के योगदान की तारीफ की और उम्मीद जताई कि यह सम्मेलन आगे आने वाले वक्त के लिए दिशा भी मुहैया कराएगा.

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