दहेज की प्रताड़ना से बुझी चंदौली की चिराग: परिजनों ने लगाई सीएम योगी से न्याय की गुहार, बोले- दहेज लोभियों को मिले फांसी
ओ.पी. श्रीवास्तव, चंदौली
चंदौली/अलीनगर: उत्तर प्रदेश के चंदौली जनपद में एक और बेटी दहेज की आग में झुलस कर हमेशा के लिए खामोश हो गई। अलीनगर थाना क्षेत्र के IOC रोड निवासी सेजल शर्मा की मौत ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। शिक्षित, आत्मनिर्भर और दूसरों के लिए प्रेरणा बन चुकी यह नवविवाहिता शादी के महज 40 दिनों बाद ही दहेज की बलि चढ़ गई। परिजनों ने इसे आत्महत्या नहीं बल्कि एक सुनियोजित हत्या बताया है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगाई है।
शादी के चंद दिनों में उजड़ गया संसार
8 मार्च 2025 को सेजल शर्मा की शादी बड़ी धूमधाम से जौनपुर जिले के खुटहन थाना क्षेत्र अंतर्गत पिलकीछा गांव निवासी शैलेश शर्मा से हुई थी। परिवार ने अपनी इकलौती बिटिया के विवाह में कोई कसर नहीं छोड़ी। पर बेटी के चेहरे की मुस्कान जल्द ही दहेज की लालच में खो गई।
परिजनों के अनुसार, शादी के कुछ ही दिनों बाद ससुराल पक्ष द्वारा दहेज के लिए सेजल को प्रताड़ित किया जाने लगा। मायके लौटने पर उसने खुद अपनी मां और पिता को बताया कि उसे लगातार मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान किया जा रहा है। इसके बावजूद वह सब कुछ सहती रही, ताकि घर टूटे नहीं।
17 अप्रैल की सुबह लेकर आई काली खबर
परिजनों के अनुसार, 17 अप्रैल को उन्हें सूचना मिली कि सेजल ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। ससुराल पक्ष की तरफ से इसे आत्महत्या बताया गया, लेकिन पिता संजय शर्मा का कहना है कि उनकी बेटी आत्महत्या नहीं कर सकती। वे कहते हैं, जो लड़की दूसरों को जीने का हौसला देती थी, वह खुद कैसे आत्महत्या कर सकती है? यह सरासर हत्या है।
सेजल के शव पर मिले चोट के निशान इस संदेह को और गहरा कर देते हैं।पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी यह संकेत मिले हैं कि मौत की परिस्थिति सामान्य नहीं थी।
FIR दर्ज कराने में भी सामने आईं रुकावटें
मृतका के पिता ने खुटहन थाने में शैलेश शर्मा (पति), ससुर, जेठ, जेठानी समेत कुल 6 लोगों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना और हत्या का मामला दर्ज कराया। लेकिन उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस थाने में FIR दर्ज कराने में उन्हें बार-बार तहरीर में बदलाव के लिए मजबूर किया गया। पुलिस की यह भूमिका संदेह को और बढ़ा देती है।
स्थानीय नेताओं के दबाव में मामला दबाने की कोशिश?
परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ स्थानीय नेता आरोपियों को बचाने में जुटे हैं। उनका कहना है कि मामले को गलत दिशा देने की कोशिश की जा रही है। संजय शर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सीधे हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा है कि जिसने मेरी बेटी को तड़पा-तड़पा कर मारा है, उसे कानून के तहत फांसी की सजा मिलनी चाहिए।
पड़ोसियों की आंखें नम, यकीन नहीं हो रहा..
सेजल शिक्षिका थी और शादी से पहले तक पास-पड़ोस के बच्चों को पढ़ाती थी। पड़ोसियों ने बताया कि वह बेहद जिंदादिल और प्रेरणादायी थी। पड़ोस की लड़की प्रेमा शर्मा ने कहा, जो लड़की हमारे बीच 20 साल रही, वह आत्महत्या कैसे कर सकती है? वह आत्मनिर्भर थी, हिम्मती थी।रिश्तेदारों ने भी इस मौत को साजिश करार देते हुए न्याय की मांग की है।
क्या बेटियों को इंसाफ मिलेगा ?
सेजल शर्मा की मौत केवल एक आंकड़ा नहीं है, यह उस पितृसत्तात्मक मानसिकता का प्रतीक है जो आज भी दहेज को अधिकार समझती है। कानून होने के बावजूद जब बेटियां न्याय के लिए तरसती हैं, तब समाज और व्यवस्था दोनों को आइना देखना चाहिए।अब देखना यह है कि क्या सरकार और प्रशासन इस दुखद घटना को गंभीरता से लेते हुए दोषियों को सख्त सजा दिलाएंगे या फिर यह भी एक और मामला बन कर बंद फाइलों में खो जाएगा।