अपनी बेटी का अपहरण करने के आरोप में गई जेल, 15 महीने की काटी सजा; ऐसे साबित हुई बेगुनाह

Update: 2025-02-08 14:44 GMT

मथुरा के जीआरपी की लापरवाही के कारण 15 माह तक अपनी बेटी से दूर जिला कारागार में रहने वाली हिना चौहान को शुक्रवार देर शाम अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (रेलवे) की कोर्ट ने जमानत दे दी। शनिवार को सुबह हिना चौहान व अन्य को जेल से रिहा कर दिया गया।



सेंटर फॉर होलिस्टिक डेवलपमेंट (सीएचडी) के कार्यकारी निदेशक सुनील कुमार इस मामले में लगातार पहल कर रहे थे। उन्होंने बताया कि सात जनवरी 2023 को जंक्शन से फूलवती की ढाई साल की बेटी चोरी हो गई थी। महिला की तहरीर पर जीआरपी ने रिपोर्ट दर्ज कर बच्ची की तलाश शुरू कर दी।


10 अक्तूबर 2023 को पुलिस ने पांच सदस्यीय बच्चा चोर गिरोह के कब्जे से बच्ची को बरामद किया। पुलिस ने इस मामले में महाराष्ट्र के सोलापुर निवासी हिना चौहान, आरके आश्रम मेट्रो स्टेशन पहाड़गंज नई दिल्ली निवासी तिलकराम उर्फ अतुल पांडेय, आरिफ उर्फ तोतला, उमरगांव जिला बेलापुर निवासी तुलसी उर्फ तुलिया पवार और आरके मेट्रो स्टेशन दिल्ली निवासी काजल को गिरफ्तार कर हिना चौहान से बच्ची को बरामद किया।

हिना पुलिस के समक्ष लाख सफाई देती रही कि बेटी उसकी है, लेकिन जीआरपी ने उसे उसकी ही बेटी के अपहरण में जेल भेज दिया। साथ ही बच्ची को फूलवती के सुपुर्द कर दिया। हिना ने बाल कल्याण समिति से गुहार लगाई तो फूलवती, हिना चौहान और बच्ची का सैंपल डीएनए टेस्ट के लिए लैब भेजा।

नवंबर 2024 को आई रिपोर्ट में बच्ची का डीएनए हिना चौहान से मिल गया। 31 जनवरी 2024 को 15 माह बाद कोर्ट के आदेश पर बच्ची को उसकी मां के पास जिला कारागार भेज दिया। इस मामले में हिना चौहान, तिलकराम उर्फ अतुल पांडेय, आरिफ उर्फ तोतला, तुलसी उर्फ तुलिया पवार के अधिवक्ता ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (रेलवे) की कोर्ट में जमानत याचिका डाली। शुक्रवार को कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए हिना समेत चारों आरोपियों को जमानत दे दी। शनिवार को सुबह जेल से जमानत दे दी गई।

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