अलगाववादियों में नहीं है इंसानियत, कश्मीरियत और जम्हूरियत..
BY Suryakant Pathak5 Sep 2016 1:37 PM GMT
Suryakant Pathak5 Sep 2016 1:37 PM GMT
अड़ंगा क्यों डाल रही है हुर्रियत?
आखिर हुर्रियत के नेता कश्मीर में अमन की राह का रोड़ा क्यों बन रहे हैं. इसका जवाब है अलगाववादियों की वो सियासत, जिसके दम पर वो कश्मीर में अपना वजूद तलाशते हैं. - इन नेताओं की पूरी सियासत अलगाववाद पर टिकी है. - बात करने से ये संदेश जाएगा कि अमन की कोशिशों में सरकार आगे है. - ये अलगाववादी नेता पाकिस्तान को नाराज करने का खतरा भी नहीं उठाना चाहते. - अलगाववादी पाकिस्तान के साथ ही आतंकवादियों को नाराज करने का खतरा भी नहीं उठा सकते. - ऐसे में इन्हें लगता है कि अगर वो सरकार की कोशिशों के साथ गए तो उनका अस्तितव ही मिट जाएगा.
पाकिस्तान से खासा है याराना
हुर्रियत के नेताओं ने दिल्ली से श्रीनगर पहुंचे तमाम दलों के नुमाइंदों से मिलने से इनकार कर दिया है. ये वही हुर्रियत के नेता हैं जो दिल्ली में पाकिस्तान के किसी नुमाइंदे के आने या पाकिस्तानी उच्चायोग के हर कार्यक्रम में शरीक होने दौड़े चले आते हैं. पाकिस्तानी उच्चायोग हर साल पाकिस्तान दिवस मनाता है. इस मौके पर कश्मीर के अलगाववादी नेताओं को भी न्योता देता है. ये अलगाववादी शायद ही कभी पाकिस्तानी उच्चायोग के न्योते को नजरअंदाज करते हों.
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