इस्तीफे पर अड़े शिवपाल, अखिलेश ने किया नामंजूर
वो ‘बाहरी’ अमर सिंह हैं
रामगोपाल ने बिना नाम लिए साफ कर दिया कि झगड़े की वजह अमर सिंह हैं. खबर है कि यूपी में शिवपाल को अध्यक्ष पद दिलाने के पीछे अमर सिंह का ही दिमाग था. रामगोपाल ने कहा- यही पार्टी से चूक हुई. अखिलेश को भरोसे में नहीं लिया था.
कहां से शुरू हुई तनातनी
दरअसल इस तनातनी की शुरुआत माइनिंग मिनिस्टर गायत्री प्रजापति को हटाने से हुई. प्रजापति को मुलायम ने ही मंत्री बनवाया था. लेकिन जब खबर मिली की प्रजापति के खिलाफ सीबीआई जांच होने वाली है तो उऩ्होंने गायत्री प्रजापति को मंत्री पद से हटाने का फैसला कर लिया.
इसी दौरान शिवपाल यादव भी मुलायम सिंह के घर पहुँच गए. उन्हें जैसे ही पता चला गायत्री प्रजापति हटाये जा रहे हैं तो उन्होंने लगे हाथ एक और कैबिनेट मंत्री राजकिशोर सिंह की भी शिकायत कर दी.. कहा ” बहुत गड़बड़ियां की है, उनका विभाग बदल दिया जाए.
मुलायम ने अखिलेश यादव से फोन पर बात की और दोनों मंत्रियों को बर्खास्त करने को कहा..अखिलेश तो पहले से ही गायत्री से नाराज चल रहे थे लेकिन नेताजी का लिहाज करते हुए चुप थे. उन्होंने तुरंत दोनों मंत्रियों को हटाये जाने की सिफारिश राज्यपाल से कर दी.
गायत्री प्रजापति 12 सितंबर को भागे-भागे दिल्ली पहुंचे. मुलायम सिंह से मिले और बताया कि मुख्य सचिव दीपक सिंघल ने उन्हें फंसाया है. मुलायम ने अखिलेश से दीपक सिंघल को फ़ौरन चीफ सेक्रेटरी से हटा देने को कहा. अखिलेश ने नेताजी को समझाया, ऐसा ठीक नहीं है लेकिन मुलायम नहीं माने और सिंघल हटा दिए गए.
जब टूटा अखिलेश के सब्र का बांध!
हटाए जाने के बाद दीपक सिंघल मुलायम से मिलने पहुंचे. थोड़ी देर बाद अमर सिंह भी वहां आए. उन्होंने मुलायम को समझाया कि सिंघल को हटाना गलत है. मुलायम ने अखिलेश यादव को फोन लगवाया और कहा कि सिंघल को फिर चीफ सेक्रेटरी बना दो. बस यहीं अखिलेश के सब्र का बाँध टूट गया. वे बोले ” ये कैसे हो सकता है. सवेरे कोई फैसला लें और फिर शाम में पलट जाएँ ” अखिलेश यादव ने अपने पिता को ना कह दिया.
अमर सिंह का ‘ऑपरेशन बदला’ !
अमर सिंह का जब जलवा था तब दीपक सिंघल उनके प्रिय अधिकारी हुआ करते थे. अखिलेश की ना के बाद शुरू हुआ अमर सिंह का ऑपरेशन. उन्होंने मुलायम सिंह के कान फूंके, बदला लेने का फार्मूला तय हो गया. फिर शिवपाल यादव को समाजवादी पार्टी का यूपी अध्यक्ष बनाने का फैसला हो गया.
नेताजी ने रामगोपाल यादव को अपने घर बुलाया और उनसे ये बात अखिलेश को बताने को कह दिया. रामगोपाल ने अखिलेश को फोन किया और कहा कि ये फैसला पार्टी ऑफिस से जारी करवा दीजिये. अखिलेश ने कहा ” आप लोगों ने जब सब तय कर लिया है तो आप ही प्रेस को बता दें.” पहली बार समाजवादी पार्टी के लखनऊ ऑफिस से मीडिया को इस फैसले के बारे में नहीं बताया गया.