2017 चुनाव : भाजपा बना रही अपना 'मास्टर प्लान'
BY Suryakant Pathak23 Sep 2016 2:17 AM GMT
Suryakant Pathak23 Sep 2016 2:17 AM GMT
भाजपा की नजर मुलायम परिवार के झगड़े के साथ ही मुस्लिमों के रुझान पर टिकी है। प्रदेश में ऐसी सीटों की संख्या काफी है, जहां मुस्लिम-दलित या मुस्लिम-यादव समीकरण से नतीजे प्रभावित हो सकते हैं।
यादव परिवार का झगड़ा किस मुकाम तक पहुंचता है और इससे किसका नफा-नुकसान होगा, भाजपा इसका आकलन कर रही है। भाजपा की चिंता यह है कि यादव परिवार में झगड़े के चलते कहीं मुस्लिममतों का रुझान बसपा की तरफ न हो जाए। ऐसी स्धिति में उसे मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है।
यूं भी भाजपा को सपा से मुकाबिल होना ज्यादा मुफीद लगता है। कमोबेश यही स्थिति सपा के अनुकूल रहती है। भाजपा से सीधे चुनाव में सपा को ज्यादा लाभ की संभावना रहती है।
यादव परिवार का झगड़ा किस मुकाम तक पहुंचता है और इससे किसका नफा-नुकसान होगा, भाजपा इसका आकलन कर रही है। भाजपा की चिंता यह है कि यादव परिवार में झगड़े के चलते कहीं मुस्लिममतों का रुझान बसपा की तरफ न हो जाए। ऐसी स्धिति में उसे मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है।
यूं भी भाजपा को सपा से मुकाबिल होना ज्यादा मुफीद लगता है। कमोबेश यही स्थिति सपा के अनुकूल रहती है। भाजपा से सीधे चुनाव में सपा को ज्यादा लाभ की संभावना रहती है।
पिछले दिनों भाजपा में दूसरे दलों, खासतौर से बसपा के नेता बड़ी संख्या में शामिल हुए हैं। इनमें बसपा, सपा और कांग्रेस विधायक भी हैं। जिन सीटों पर भाजपा के पास मजबूत उम्मीदवार नहीं है, उन पर दूसरे दलों से आने वाले नेताओं को उम्मीदवार बनाया जाएगा।
भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओमप्रकाश माथुर ने कह दिया है कि दूसरे दलों से आने वाले नेताओं को अब बाहरी न माने। वे भाजपा परिवार का सदस्य हैं। चुनाव में जहां जरूरी होगा, उन्हें उम्मीदवार बनाया जाएगा।
संवेदनशील इलाकों के दलितों पर खास फोकस
भाजपा उन इलाकों के दलितों से काफी उम्मीद लगाए हुए है, जो सांप्रदायिक लिहाज से संवेदनशील माने जाते है। उन्हें भरोसा है कि ऐसे विधानसभा क्षेत्रों में दलित-मुस्लिम समीकरण नहीं बन पाएगा।
ऐसी सीटों पर दलितों के एक बड़ा तबके का रुझान भाजपा के पक्ष में रहेगा। ऐसे क्षेत्रों पर खास ध्यान देने की योजना बनाई जा रही है। भाजपा के दलित सांसदों को ऐसे क्षेत्रों में भेजकर एक-एक दिन कैंप कराया जाएगा।
भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओमप्रकाश माथुर ने कह दिया है कि दूसरे दलों से आने वाले नेताओं को अब बाहरी न माने। वे भाजपा परिवार का सदस्य हैं। चुनाव में जहां जरूरी होगा, उन्हें उम्मीदवार बनाया जाएगा।
संवेदनशील इलाकों के दलितों पर खास फोकस
भाजपा उन इलाकों के दलितों से काफी उम्मीद लगाए हुए है, जो सांप्रदायिक लिहाज से संवेदनशील माने जाते है। उन्हें भरोसा है कि ऐसे विधानसभा क्षेत्रों में दलित-मुस्लिम समीकरण नहीं बन पाएगा।
ऐसी सीटों पर दलितों के एक बड़ा तबके का रुझान भाजपा के पक्ष में रहेगा। ऐसे क्षेत्रों पर खास ध्यान देने की योजना बनाई जा रही है। भाजपा के दलित सांसदों को ऐसे क्षेत्रों में भेजकर एक-एक दिन कैंप कराया जाएगा।
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