यह चरण इसलिए अहम है, क्योंकि इसमें सपा के गढ़ इटावा, मैनपुरी, कन्नौज, बाराबंकी और फरूखाबाद में मतदान होंगे.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए तीसरे चरण का मतदान रविवार को होना है. इस चरण में मतदान उन क्षेत्रों में होना है, जिन्हें सपा का गढ़ माना जाता है. तीसरे चरण से जुड़े ये 10 बेहद महत्वपूर्ण जानकारियां हैं, जिस आप जानना जरूर चाहेंगे.
1. तीसरे चरण में 12 जिलों की जिन 69 सीटों पर मतदान होने हैं, तीसरे चरण में फरूखाबाद, हरदोई, कन्नौज, मैनपुरी, इटावा, औरैया, कानपुर देहात, कानपुर, उन्नाव, लखनऊ, बाराबंकी और सीतापुर में वोटिंग होगी.
2. इस चरण में कुल 826 प्रत्याशी मैदान में हैं और करीब दो करोड़ 41 लाख मतदाता हैं. इस चरण के लिए कुल 25 हजार 603 मतदान केंद्र बनाए गए हैं.
3. तीसर चरण में इटावा सीट पर सर्वाधिक 21 प्रत्याशी मैदान में हैं, जबकि बाराबंकी की हैदरगढ़ सीट पर सबसे कम तीन उम्मीदवार मैदान में हैं.
4. यह चरण इसलिए अहम है, क्योंकि इसमें सपा के गढ़ इटावा, मैनपुरी, कन्नौज, बाराबंकी और फरूखाबाद में मतदान होंगे.
5. तीसरे चरण मुलायम के परिवार के लोग समेत कई मंत्री मैदान में हैं. इस चरण में शिवपाल सिंह यादव, मुलायम की छोटी बहू अपर्णा यादव और अखिलेश के चचेरे भाई अनुराग यादव, प्रदेश के कैबिनेट मंत्री अरविंद सिंह गोप, राज्यमंत्री फरीद महफूज किदवई, राज्यमंत्री राजीव कुमार सिंह, राज्यमंत्री नितिन अग्रवाल, कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य पीएल पुनिया के बेटे तनुज पुनिया के राजनीतिक भाग्य का फैसला होगा.
6. तीसरे चरण में मुलायम सिंह यादव ने केवल इटावा की जसवंतनगर सीट से अपने भाई शिवपाल यादव और लखनऊ कैंट सीट से सपा प्रत्याशी अपनी छोटी बहू अपर्णा यादव के पक्ष में चुनावी सभाओं को संबोधित किया. इन दो सीटों के अलावा वह कहीं भी प्रचार के लिए नहीं गए, जबकि पिछली बार इन इलाकों में सपा को शानदार कामयाबी मिली थी.
7. साल 2012 के विधानसभा चुनाव में सपा ने तीसरे चरण की 69 सीटों में से 55 सीटें जीती थीं. बसपा को 6 और बीजेपी को पांच सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस के खाते में दो सीटें गई थीं और एक सीट निर्दलीय प्रत्याशी को हासिल हुई थी.
8. तीसरे चरण के इलाकों में सपा के कद्दावर नेता शिवपाल यादव की भी पैठ मानी जाती है. खबर है कि अखिलेश को तो शिवपाल खेमे के लोग ही सपा के गढ़ में निपटाने के मूड में हैं.
9. वहीं सपा के गढ़ में वोटर्स भी कंफ्यूज बताए जा रहे हैं. वोटर्स को लग रहा है कि सपा दो खेमों में बंटी है, और इस गलतफहमी से सपा को चुनाव में नुकसान हो सकता है. क्योंकि अभी भी सपा अंदरूनी कलह से उबर नहीं पाई है.
10. तीसरे चरण में जिन सीटों पर चुनाव हैं, वहां पिछले चुनाव में बीजेपी और बीएसपी की स्थिति काफी खस्ता रही थी. इस लिहाज से विपक्षी दलों के पास इस चरण में खोने के लिए ज्यादा कुछ नहीं है. जबकि विपक्षी दलों ने सपा के अंदरुनी कलह को चुनावी सभाओं में खूब भुनाया.