मुलायम किसी और के लिए करेंगे प्रचार?

Update: 2017-02-21 01:54 GMT
विधानसभा चुनाव में तीन चरणों का मतदान हो चुका है और चौथे चरण का मतदान करीब है. लेकिन समाजवादी पार्टी के संरक्षक और स्टार प्रचारक मुलायम सिंह यादव ज्यादातर प्रचार से दूर ही दिखाई दे रहे हैं. अभी तक वह सिर्फ अपनों (भाई और बहू) के चुनाव प्रचार में ही गए हैं.
खुद सपा के कद्दावर नेता आजम खान मुलायम के इस कदम पर दुखी हैं और कह चुके हैं कि लहू का रिश्ता होता तो मुलायम जरूर आते. ऐसे में अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या मुलायम 'अपनों' के अलावा किसी और के लिए प्रचार करने जाएंगे?

अभी तक मुलायम ने सिर्फ अपने भाई शिवपाल सिंह यादव की जसवंतनगर और अपनी छोटी बहू अपर्णा यादव की लखनऊ कैंट विधानसभा पहुंचे. जसवंतनगर में जहां मुलायम ने पुरानी बातों को याद किया और शिवपाल के लिए वोट मांगा, इसके बाद लखनऊ कैंट में अपर्णा के लिए वोट मांगे.
मुलायम अपर्णा की सीट के ठीक बगल में स्थित सरोजनीनगर सीट नहीं गए, जहां से उनके ही भतीजे और सांसद धर्मेंद्र यादव के भाई अनुराग यादव सपा प्रत्याशी हैं.
इसके बाद पता चला कि मुलायम अमेठी में सपा प्रत्याशी गायत्री प्रजापति के चुनाव प्रचार में भी जाएंगे. गौरतलब है कि परिवार और पार्टी में वर्चस्व की जंग के दौरान गायत्री प्रजापति कहीं न कहीं अखिलेश के सामने मुलायम खेमे में खड़े नजर आए.
गायत्री के प्रचार में जाने की बात को इसी से जोड़कर देखा जाने लगा कि मुलायम सिर्फ अपने करीबियों के यहां ही जा रहे हैं. लेकिन पिछले दिनों गायत्री के खिलाफ गैंगरेप का मामला दर्ज होने के बाद अब मुलायम के वहां भी जाने पर संशय हो गया है.
हालांकि मुलायम सिंह सिर्फ करीबियों के यहां जाने की बात को स्वीकार नहीं करते हैं, एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि कई मंडलों में वह प्रचार कर चुके हैं, अब कई मंडलों में प्रत्याशियों की स्थिति स्पष्ट होते ही वह प्रचार के लिए जाएंगे.
उधर तस्वीर का दूसरा पहलू ये भी है कि सपा के कई नेता ही खुद मुलायम को प्रचार के लिए आमंत्रित करने से बच रहे हैं. कारण ये है कि उन्हें डर है कि मुलायम कहीं कोई ऐसा बयान न दे दें, जिसके कारण चुनाव ही उलटा पड़ जाए.
पिछले दिनों लखनऊ कैंट में अपर्णा यादव के चुनाव प्रचार के दौरान मुलायम ने कहा कि बाबरी मस्जिद बचाने के लिए उन्होंने गोलियां तक चलवा दीं. मुलायम के इस बयान से ब्राह्मण बाहुल्य इस सीट पर सपा को नुकसान होने का डर पैदा हो गया.
वहीं कुछ करीबी ऐसे भी हैं, जो मुलायम के प्रचार में नहीं आने से दुखी भी हैं. इनमें सपा सरकार के मंत्री और पार्टी में मुलायम के बेहद करीबी माने जाने वाले आजम खान भी शामिल हैं. आजम ने मुलायम के रामपुर नहीं आने के दर्द को कुछ इस तरह से बयां किया कि हमारे से लहू का रिश्ता होता तो मुलायम जरूर आते. हमसे भाई और बहू का रिश्ता होता तो नेताजी जरूर आते.

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