आजमगढ़ में जहरीली शराब मामले में मरने वालों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है. अभी भी दर्जन भर लोग जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं.
उधर जिला प्रशासन अब मौत के आंकड़ों को दबाने में जुट गया है. मामले में आबकारी और पुलिस विभाग की नाकामी उजागर हुई है.
जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में जहरीली कच्ची शराब धड़ल्ले से बिक रही है. यही नहीं जहरीली शराब के साथ जहरीली ताड़ी का भी काला कारोबार चल रहा है. वहीं इस पूरे मामले में छापेमारी और कार्रवाई का दिखावा कर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है.
जानकारी के अनुसार रौनापार के सलेमपुर में 3, केवटौली गांव में 8, औराभार में 1, जीयनपुर के अजमतगढ़ में 6, खाड़, जगदीशपुर में 1-1 व्यक्ति की मौत हो चुकी है. वहीं जिला प्रशासन 10 लोगों के मरने की पुष्टि कर रहा है.
इससे पहले आजमगढ़ मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ ने एसओ रौनापार नदीम अहमद फरीदी सहित 3 लोगों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का निर्देश डीएम को दिया है. साथ ही जिम्मेदार अधिकारियों लोगों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.
वहीं डीएम ने आबकारी निरीक्षक सहित 4 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति कर दी है. बता दें, कि जहरीली शराब पीने से सात लोगों की मौत हो गई थी. वहीं कई अन्य का इलाज चल रहा है. मामले में पुलिस का कहना है कि मौत ताड़ी पीने से हुई थी.
गौरतलब है कि आजमगढ़ में पिछले कई दिनों से अवैध शराब का कारोबार हो रहा है. पुलिस बराबर कार्रवाई करती है. उसके बाद भी शराब का अवैध कारोबार रुकने का नाम नहीं ले रहा. 2013 में आजमगढ़ के मुबारकपुर थाना क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से 49 लोगों की मौत हो गई थी.
फिलहाल पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. घटना के बाद से आरोपी फरार बताये जा रहे है. जिनकी धरपकड़ के लिए पुलिस की कई टीमें लगाई गई है.