अयोध्या में सबसे पहले स्थापित होंगी सप्त मंडपम की मूर्तियां, बन रहे हैं सात मंदिर
राम जन्मभूमि परिसर में 16 और मंदिरों का निर्माण किया जा रहा है। इन सभी मंदिरों की मूर्तियां भी बन कर तैयार हो गई हैं। 30 अप्रैल तक सभी मंदिरों की मूर्तियां अयोध्या पहुंच जाएंगी। फिर इन मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा का क्रम शुरू होगा। सबसे पहले सप्त मंडपम के सात मंदिरों में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।
राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि सप्त मंडपम में सात ऋषि-मुनियों के मंदिर बनकर तैयार हो चुके हैं। इनमें महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्तय, निषाद राज, शबरी व अहिल्या के मंदिर हैं। सबसे पहले इन सात मंदिरों में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा किए जाने की योजना है। इसके बाद राम मंदिर के चारों तरफ बन रहे 800 मीटर लंबे परकोटा में निर्माणाधीन छह मंदिरों में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इसमें भगवान सूर्य, गणेश, हनुमान, अन्नपूर्णा व माता भगवती की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी।
नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि सबसे अंत में राम दरबार की स्थापना की जाएगी। राम दरबार में श्रीराम और सीता की मूर्तियां एक ही पत्थर पर बनाई गई हैं। जबकि भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्न व हनुमान जी की मूर्तियां अलग-अलग बनाई गई हैं। राम दरबार की स्थापना राम मंदिर के प्रथम तल पर की जाएगी। उन्होंने बताया कि सभी मूर्तियों की स्थापना जानकी नवमी से पहले कर ली जाएंगी।
परिसर के 10 एकड़ में अब तक विकसित हुई हरियाली
राम जन्मभूमि परिसर में 20 एकड़ से अधिक क्षेत्र में जीएमआर कंपनी लैंड स्केपिंग का काम कर रही है। इस संस्था को जैसे-जैसे भूमि उपलब्ध हो रही है। संस्था हरियाली विकसित करने का काम कर रही है। अब तक 10 एकड़ से अधिक परिसर में भू-दृश्य विकसित करने का काम पूरा किया जा चुका है। नल नील टीले पर भी लैंड स्केपिंग का काम किया जा रहा है। कुबेर टीले के पास एक उपवन को भी विकसित किया जा रहा है। यहां पर पहले बहुत बड़ा बाग था। यह बाग़ परिसर की सुंदरता बढ़ाने का काम करेगा। साथ ही श्रद्धालुओं के लिए भी आकर्षण का केंद्र होगा।