राज्य कर्मचारियों, पत्रकारों सहित इन सबको भी मिल सकेंगे सरकारी आवास

Update: 2016-08-30 12:38 GMT

राज्य कर्मचारियों, अधिकारियों, कर्मचारी संघों, राजनीतिक दलों, विधायकों, पत्रकारों समेत अन्य लोगों को भी राज्य सरकार संपत्ति विभाग के भवन आवंटित किए जा सकेंगे। 

ऐसे लोगों को आवास आवंटन की कानूनी अड़चन दूर करने के लिए सरकार ने सोमवार को विधानसभा में राज्य संपत्ति विभाग के नियंत्रण वाले भवनों का आवंटन विधेयक 2016 पेश किया।

अभी तक राज्य संपत्ति विभाग के भवनों के आवंटन राज्य सरकार के कर्मचारियों, अधिकारियों, कर्मचारी संघों, राजनीतिक दलों, पत्रकारों, अखिल भारतीय सेवा व न्यायिक सेवा के अधिकारियों, विधायकों, न्यासों, मंत्रियों तथा जजों को कार्यकारी नियमों के प्रावधानों, कुछ मामलों में सांविधिक नियमों व अधिनियमों के प्रावधानों के तहत किए जाते रहे हैं। 

इसके लिए कोई अलग कानून नहीं था। इसे देखते हुए इन भवनों के आवंटन को विनियमित करने के लिए कानून बनाने का फैसला किया गया है।

टाइप 1 से 4 तक के भवनों का आवंटन राज्य संपत्ति अधिकारी तथा 5 से 7 तक के भवनों का आवंटन राज्य संपत्ति विभाग के प्रमुख सचिव या सचिव के पूर्व अनुमोदन से राज्य संपत्ति अधिकारी करेंगे।

सेवानिवृत्ति के बाद 30 दिन में खाली करना होगा आवास

राज्य कर्मियों, अखिल भारतीय सेवा तथा न्यायिक सेवा के अधिकारियों को आवास का आवंटन उनके लखनऊ में तैनात रहने की अवधि तक के लिए किया जाएगा। स्थानांतरण या सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें 30 दिन में आवास खाली करना होगा। 

न्यासों के अलावा अन्य आवेदकों को भवन का आवंटन दो वर्ष के लिए किया जाएगा तथा हर बार एक वर्ष के लिए नवीनीकरण किया जाएगा। न्यास को अधिकतम पांच वर्ष के लिए आवंटन किया जाएगा, जिसे नवीकरण करके पांच वर्ष और बढ़ाया सकता है।

किसे कौन-सा मकान
टाइप-1    समूह घ के कर्मचारी 
टाइप-2    समूह ग के अराजपत्रित कर्मचारी 
टाइप-3    समूह ख के अधिकारी

टाइप-4    न्यायिक सेवा के अधिकारी, पत्रकार, सोसाइटी व मान्यता प्राप्त संघ। 
टाइप-5     मंत्री, राज्यमंत्री, उपमंत्री, न्यायिक सेवा के अधिकारी, राज्य सरकार के समूह क के अधिकारी, प्रदेश में कार्यरत न्यास व आयोगों के अध्यक्ष व सदस्य।
टाइप-6 व 7    मंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति, वरिष्ठ अधिकारी, उच्चतर न्यायिक सेवा के अधिकारी तथा न्यास।  

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