Delhi: All Party meeting begins in the Parliament.
कश्मीर पर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने कहा- राष्ट्रीय संप्रभुता के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं
इस बैठक में अलगाववादियों को दी जा रही सहूलियतों, जिसमें उच्च स्तरीय सुरक्षा आदि की समीक्षा संबंधी बात की जानकारी नहीं मिली है। पहले यह खबर आई थी कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेताओं के पर कतरने की तैयारी में है। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार केंद्र जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेताओं की विदेश यात्रा कठिन बनाकर तथा उनकी सुरक्षा कम कर उनके प्रति अपना रुख कड़ा कर सकता है। सरकारी खजाने की कीमत पर उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाती है। सांसदों की अलगाववादियों द्वारा जानबूझकर अनदेखी किये जाने से नाखुश केंद्र कुछ मामलों में उनका पासपोर्ट वापस लेकर तथा यात्रा दस्तावेजों से इनकार कर उनकी विदेश यात्राओं पर अंकुश लगाने के कदमों पर विचार कर रहा है। राज्य के दौरे पर गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के कुछ सांसदों ने अलगाववादियों से मिलने की कोशिश की थी।
इससे पहले, अशांत जम्मू कश्मीर का दौरा कर चुके सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करने वाले केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की जिसके बाद यह सामने आई कि बुधवार को यहां सर्वदलीय बैठक के बाद कुछ घोषणा की जा सकती है। इस बैठक में वित्त मंत्री अरूण जेटली, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह और भाजपा महासचिव राममाधव भी मौजूद थे। इस प्रतिनिधिमंडल ने 4-5 सितंबर को श्रीनगर और जम्मू का दौरा किया था।
गृहमंत्री के आवास पर हुई इस बैठक के बाद माधव ने संवाददाताओं से कहा था कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के दौरे के बाद हमने जम्मू कश्मीर में भावी कार्ययोजना पर चर्चा की। जब उनसे पूछा गया कि क्या केंद्र सरकार कश्मीरी अलगाववादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की योजना बना रही है, माधव ने कहा कि सभी प्रस्ताव बुधवार को चर्चा के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के सामने रखे जाऐंगे।
बता दें कि कश्मीर घाटी में हिंसा का चक्र जारी है। वहां पथराव करने वालों एवं सुरक्षाबलों के बीच झड़प में 73 लोगों की जान चा चुकी है। अलगावादियों की आहूत हड़ताल के कारण जनजीवन आज 60 वें दिन भी ठप्प रहा। कश्मीर घाटी में अशांति आठ जुलाई को हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से शुरू हुई थी।
वहीं, गृहमंत्री सिंह ने अपने इस दौरे को सकारात्मक बताया था और लेकिन कुछ सांसदों से मिलने से इनकार करने पर अलगाववादियों की खरी खोटी सुनायी थी। कुछ सांसदों से मिलने से हुर्रियत नेताओं के बिल्कुल इनकार कर देने से नाखुश सिंह ने कहा था कि उनका बर्ताव लोकतंत्र, इंसानियत एवं कश्मीरियत के विपरीत है। रविवार को श्रीनगर में हुर्रियत नेताओं ने अपने दरवाजे बंद कर लिए थे। सिंह ने 20 दलों के 26 सांसदों वाले प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई की थी। प्रतिनिधिमंडल दोपहर को जम्मू में रूकने से पहले रात को श्रीनगर में ठहरा था। जम्मू में कुछ घंटे रुकने के बाद वह दिल्ली लौट आया था।