लखनऊ : सहकारिता मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने प्रदेश के 16 सहकारी बैंकां को उत्तर प्रदेश सरकार से वित्तीय सहायता उपलब्ध कराते हुए भारतीय रिजर्व बैंक से लाइसेंस उपलब्ध कराया। श्री यादव जी द्वारा अधिकारियों को यह निर्देश दिये गये थे कि जिला सहकारी बैंकों के क्रियाकलापां का सघन पर्यवेक्षण होता रहे जिससे कि अब उनमें किसी प्रकार की वित्तीय अनियमितता न हो सके। उक्त निर्देशों के अनुपालन में बैंकों के क्रियाकलापों की समीक्षा के मध्य यह संज्ञान में आया कि जिला सहकारी बैंक लि0 सुल्तानपुर के सचिव/मुख्यकार्यपालक अधिकारी श्री अहिबरन लाल द्वारा वित्तीय अनुशासन बरतते हुए, शासन तथा आयुक्त एवं निबन्धक, सहकारिता के निर्देशों का उल्लंघन कर बैंक को भारी वित्तीय क्षति पहुंचायी है, जिसके क्रम में श्री अहिबरन लाल को निलम्बित कर अनुशासनिक कार्रवाई प्रारम्भ कर दी गयी है।
सहकारिता मंत्री के अथक प्रयासों के फलस्वरूप प्रदेश के तीन जिला सहकारी बैंक आजमगढ़, फतेहपुर एवं बहराइच को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बैंकिंग लाइसेंस प्रदान कर दिया गया है, इस प्रकार प्रदेश के समस्त 50 जिला सहकारी बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक से बैंकिंग लाइसेंस प्राप्त हैं। श्री यादव द्वारा अवगत कराया गया कि सहकारी बैंक व्यवसायिक बैंकों की भांति अपने सम्मानित ग्राहकों को बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराने में सक्षम हो रहे हैं और इस व्यवस्था को सुदृढ़ एवं स्वाश्रयी बनाने हेतु राज्य सरकार कटिबद्ध है। राज्य सरकार द्वारा अल्पकालीन सहकारी साख व्यवस्था के पुनरूद्धार हेतु उठाये गये कदमों के फलस्वरूप बैंकों/प्रारम्भिक कृषि ऋण सहकारी समितियों के प्रबन्ध तंत्र, मानव संसाधन विकास एवं सेवा में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। प्रदेश के जिला सहकारी बैंक पूर्णतया सी0बी0एस0 पद्वति पर अपने सम्मानित ग्राहकों को बेहतर सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। श्री यादव जी प्रदेश के जिला सहकारी बैंकों के कार्मिकों को कृषकों एवं निक्षेपकर्ताओं के हित में कार्य करने हेतु निर्देश दिये हैं तथा यह भी कहा गया है कि भ्रष्टाचार किसी भी दृष्टि से क्षम्य न होगा।
प्रदेश सरकार की नीतियों के फलस्वरूप पुनः अल्पकालीन सहकारी साख व्यवस्था का भविष्य प्रगाढ़ता की ओर अग्रसर है।