श्रीनगर: बारामूला में सेना के कैंप पर आतंकियों के हमले में शहीद नितिन की बहदुरीगाथा हर जवान सुना रहा है। बीएसएफ का यह बहादुर जवान ग्रेनेड हमले में बुरी तरह से घायल हो गया पर फिर भी आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देता रहा। अपनी शहादत देकर बहादुर जवान ने एक बड़े हमले की साजिश को नाकाम कर दिया।
रविवार की रात करीब साढ़े दस बजे आतंकवादियों ने झेलम नदी के किनारे सैन्य कैंप पर दो तरफा हमला करने की साजिश रची। शिविर में बने बंकर पर तैनात जवानों को कुछ संदिग्ध हलचल महसूस हुई तो उन्होंने आतंकियों को ललकारा। जवाब में दहशतगर्दों ने गोलीबारी शुरू कर दी। आतंकियों ने बीएसएफ के जवानों पर ग्रेनेड दाग दिया।
गोलीबारी तेज हुई तो जवान नितिन और वरूण दोनों ही बंकर से बाहर आकर गोलीबारी करने लगे। उन्होंने आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया। तभी एक ग्रेनेड नितिन के पास आकर फटा और वह बुरी तरह से घायल हो गया। लेकिन बीएसएफ का यह बहादुर जवान घायल होने के बाद भी आतंकियों पर गोलियां बरसाता रहा।
बीएसएफ के जवान भी मोर्चे पर पहुंचे। इस दौरान एक गोली जवान परमिन्द्र के पैर में लगी। दोनों को अस्पताल ले जाते वक्त जवान नितिन ने दम तोड़ दिया और वह वतन के लिए शहीद हो गए। जवानों ने सर्तकता बरतते हुए आतंकियों को कैंप में घुसने नहीं दिया। इस दौरान दो आतंकवादी भी ढेर किए गए जबकि बाकी के अन्धेरे का लाभ उठाते हुए भागने में कामयाब रहे।