देवतीर्थ समिति गठित: संभल को पर्यटन नगरी बनाने की कार्ययोजना पूरी, तीर्थों- कूपों तक जाने के लिए नक्शे लगेंगे
संभल को पर्यटन नगरी बनाने की योजना पर काम शुरू हो गया है। डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि 68 तीर्थों और 19 कूपों को संवारा जाएगा, जिनमें 41 तीर्थ और 19 कूप चिह्नित हो चुके हैं। नगर पालिका, ग्राम पंचायत और मनरेगा इनका विकास करेंगे।
संभल नगर को पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने की कार्ययोजना तैयार है। जिला प्रशासन प्राचीन धरोहर को पुराने स्वरूप में लाने के साथ पर्यटकों को उन तक पहुंचाने के लिए मुख्य रास्तों पर नक्शे लगाएगा। ताकि पर्यटक सीधे उन तक पहुंच सकें। इसके साथ ही अब तो जो तीर्थ सामने नहीं आए हैं, उनकी तलाश जारी है।
यह कहना है डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया का। डीएम का कहना है कि संभल महात्म्य के अनुसार नगर और उसके आसपास 68 तीर्थ, 19 कूप हैं। इसमें पांच तीर्थ प्रमुख हैं। धार्मिक और ऐतिहासिक नगर होने के नाते संभल को पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने की कवायद शुरू कर दी गई है। 41 तीर्थ को चिह्नित कर लिया गया है।
19 कूप मिल गए हैं। जो तीर्थ बाकी हैं उनको भी तलाश किया जा रहा है। जिससे सभी 68 तीर्थ को संवारा जाएगा। डीएम ने बताया कि जो नगर पालिका के क्षेत्र में तीर्थ और कूप आते हैं उनको संवारने की जिम्मेदारी पालिका की रहेगी। जो देहात क्षेत्र में हैं उनको संवारने का काम ग्राम पंचायत और मनरेगा को करना होगा।
ऐतिहासिक व धार्मिक महत्व है संभल का
संभल ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व से भरा हुआ शहर है। जितना महत्व ऐतिहासिक तौर पर राजपूत और मुगलों से जोड़कर दिया जाता है। उससे कहीं ज्यादा महत्व धार्मिक नजरिए से भी दिया जाता है। स्कंद पुराण में उल्लेख है कि कलियुग में भगवान कल्कि संभल में अवतरित होंगे। इसी मान्यता को जोड़कर संभल को देखा जाता है। वंशगोपाल तीर्थ में भगवान श्रीकृष्ण एक रात ठहरे थे और कदंब के वृक्ष के नीचे विश्राम किया था।
इन सभी मान्यता को जोड़ने से महत्व ज्यादा बढ़ जाता है। संभल महात्म्य में सभी तीर्थों और कूपों की एक-दूसरे से दिशा और दूरी दर्ज है। गंगा से दूरी और भगवान कल्कि का अवतरण होने वाले स्थान के बारे में भी उल्लेख किया गया है। शहर के मोहल्ला कोटपूर्वी स्थित प्राचीन कल्कि विष्णु मंदिर सदियों पुराना है।
इसकी देखभाल 250 वर्ष से मध्य प्रदेश के अहिल्याबाई होलकर ट्रस्ट द्वारा की जा रही है। कल्कि विष्णु मंदिर के पुजारी पंडित महेंद्र शर्मा का कहना है कि वह एएसआई द्वारा संरक्षित किए जाने की मांग करते चले आ रहे हैं। इस मंदिर की बनावट भी इसके प्राचीन महत्व को दर्शाती है। कहा कि इस मंदिर की कार्बन डेटिंग कराई जाए। जिससे इसके काल की सही जानकारी सामने आ जाएगी।
एएसआई द्वारा इन कूप और तीर्थों का किया जा चुका है सर्वे
चतुर्मुख ब्रह्म कूप स्थित पानी की टंकी के पास, आलम सराय, संभल।
अमृत कूप स्थित कूप मंदिर, दुर्गा कालोनी, संभल।
अशोक कूप स्थित मोहल्ला हल्लू सराय, संभल।
सप्तसागर कूप स्थित सर्थलेश्वर मंदिर, सरथल चौकी के पास, मोहल्ला कोट पूर्वी, संभल।
बलि कूप स्थित पुरानी तहसील के पास, कूचे वाली गली, संभल।
धर्म कूप स्थित हयातनगर, संभल।
ऋषिकेश कूप स्थित शिव मंदिर, मोहल्ला कोट पूर्वी, संभल।
पराशर कूप स्थित कल्कि मंदिर के पास, मोहल्ला कोट पूर्वी, संभल।
अकर्ममोचन कूप स्थित कोतवाली के सामने, मोहल्ला ठेर संभल।
धरणि वाराह कूप स्थित जामा मस्जिद चौकी के नीचे, मोहल्ला कोट गर्वी, संभल।
भद्रका आश्रम तीर्थ, होज भदेसरा, संभल।
स्वर्गदीप तीर्थ/सती मठ, स्थित गांव जलालपुर मोहम्मदाबाद, संभल।
चक्रपाणि तीर्थ, गांव जलालपुर मोहम्मदाबाद, संभल।
प्राचीन कूप स्थित एक रात वाली मस्जिद के पास, मोहल्ला कोट गर्वी, संभल।
प्राचीन कूप स्थित जामा मस्जिद परिसर, मोहल्ला कोट गर्वी, संभल।
प्राचीन कूप स्थित बाल विद्या मंदिर के सामने, मोहल्ला चमन सराय, संभल।
प्राचीन कूप स्थित न्यारियों वाली मस्जिद, मोहल्ला खग्गू सराय, संभल।
प्राचीन कूप स्थित गद्दियों वाला मोहल्ला, कोट पूर्वी, संभल।
प्राचीन कूप स्थित सेठों वाली गली, मोहल्ला कोट पूर्वी, संभल।
प्राचीन कूप स्थित एजेंटी चौराहे के पास, मोहल्ला डूंगर सराय, संभल।
प्राचीन मंदिर व कूप स्थित मोहल्ला खग्गू सराय, संभल।
प्राचीन तीर्थ/श्मशान/मंदिर, आर्य कोल्ड स्टोर के पास, अजीजपुर असदपुर, संभल