अयोध्या। श्रीसीता निवास मंदिर जानकीघाट के पीठाधीश्वर पूज्य महंत श्री अवनीशदास जी महाराज के पावन जन्मोत्सव को अयोध्या के संतों, विद्यार्थियों और गौ सेवा के प्रकल्प के माध्यम से एक अनोखे और सार्थक कार्यक्रम के रूप में मनाया गया।
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह दर्शाना था कि जन्मोत्सव केवल केक काटने और उत्सव मनाने तक सीमित नहीं है। बल्कि, इसे सेवा और परोपकार के कार्यों के माध्यम से भी सार्थक बनाया जा सकता है। इस पहल ने समाज को एक प्रेरणादायक संदेश दिया है कि हम अपने जीवन को सेवा और परोपकार के लिए समर्पित कर सकते हैं।
महंत श्री अवनीश दास जी महाराज के जन्मोत्सव के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में गौ सेवा, विद्यार्थियों को शिक्षा सामग्री वितरण, और अन्य सामाजिक सेवा कार्यक्रम शामिल थे। संतों और विद्यार्थियों ने मिलकर गौशाला में गायों की सेवा की और उन्हें चारा खिलाया। इसके साथ ही, जरूरतमंद विद्यार्थियों को शिक्षा सामग्री वितरित की गई, ताकि उनकी शिक्षा में कोई बाधा न आए।
इस अवसर पर महंत श्री अवनीश दास जी महाराज ने कहा कि “हमारा जीवन सेवा और परोपकार के लिए है। हमें हमेशा दूसरों की मदद के लिए तत्पर रहना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि “गौ सेवा सबसे बड़ा धर्म है। हमें गायों की रक्षा करनी चाहिए और उनकी सेवा करनी चाहिए। इस मौके पर आचार्य ओमप्रकाश शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय कथा व्यास परमानंद जी परमानंद जी महाराज आदि साधू संत और गृहस्थ लोग उपस्थित थे।
यह कार्यक्रम एक प्रेरणादायक उदाहरण है कि कैसे हम अपने जीवन को सेवा और परोपकार के लिए समर्पित कर सकते हैं। यह न केवल महंत श्री अवनीश दास जी महाराज के जन्मोत्सव को सार्थक बनाता है, बल्कि समाज को भी एक नई दिशा प्रदान करता है।