समाजवादी पार्टी ने चुनाव आयोग को भेजा कफन

Update: 2025-02-06 10:00 GMT

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग को निशाने पर लिया है. मिल्कीपुर में वोटिंग के बाद अखिलेश ने गुरुवार को कहा कि चुनाव आयोग मर चुका है. हमें सफेद कपड़ा भेंट करना पड़ेगा. इस बयान के बाद अखिलेश यादव सपा सांसदों के साथ एक ‘कफन’ जिसपर चुनाव आयोग लिखा था, को पकड़ कर फोटो खीचाते नजर आए.

अखिलेश यादव ने कहा, यह बीजेपी का चुनाव लड़ने का तरीका है. चुनाव आयोग मर गया है, हमें सफेद कपड़ा भेंट करना पड़ेगा. दरअसल, सपा मिल्कीपुर में फर्जी वोटिंग और बूथ से पोलिंग एजेंट को बाहर निकाले जाने का आरोप लगा रही है. इसे लेकर 5 नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल लखनऊ में चुनाव आयोग से भी मिला था. प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल मुख्य निर्वाचन अधिकारी से शिकायत की.

‘चुनाव आयोग ने बीजेपी को खुली छूट दी’

इससे पहले अखिलेश यादव बीजेपी पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने और उपचुनाव में धांधली करने का आरोप लगाए थे. उन्होंने निर्वाचन आयोग से कार्रवाई की भी मांग की थी.

सपा प्रमुख ने आरोप लगाया, बीजेपी ने मिल्कीपुर में बेईमानी के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाए. बीजेपी ने मिल्कीपुर उपचुनाव को प्रभावित करने के लिए अराजकता की. पुलिस-प्रशासन का उन्हें खुला संरक्षण मिला. पुलिस-प्रशासन ने बीजेपी को खुली छूट देकर चुनाव आचार संहिता का घोर उल्लंघन किया.

अखिलेश यादव ने आगे कहा कि फर्जी मतदान करते हुए कुछ लोगों को समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अजीत प्रसाद ने स्वयं पकड़ा. उन्होंने कहा, रायपट्टी अमानीगंज में फर्जी वोट डालने की बात अपने मुंह से कहने वाले ने साफ कर दिया कि बीजेपी सरकार में अधिकारी किस तरह से धांधली में लिप्त हैं. निर्वाचन आयोग को और क्या सबूत चाहिए.

आरोपों पर बीजेपी ने क्या कहा?

आरोपों पर भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि अखिलेश यादव मिल्कीपुर निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद प्रचार की राजनीति में शामिल हो रहे हैं. बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि समाजवादी पार्टी मिल्कीपुर में अपनी हार के बाद हताशा में झूठ फैला रही है. अखिलेश यादव प्रचार की राजनीति के चैंपियन बन गए हैं, जो झूठे ऑडियो, वीडियो और तस्वीरों के माध्यम से अपनी हार का दोष दूसरे पर मढ़ने का प्रयास कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हार के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) को दोषी ठहराएंगे, जैसा कि पिछले चुनावों में अक्सर होता रहा है. बीजेपी ने धांधली के सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मिल्कीपुर उपचुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से कराया गया.

सपा-बीजेपी के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई

मिल्कीपुर उपचुनाव समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गया है. यह सीट राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण अयोध्या जिले का हिस्सा है. पिछले साल के लोकसभा चुनाव में फैजाबाद लोकसभा सीट जीतने के बाद सपा सांसद अवधेश प्रसाद द्वारा सीट खाली करने के बाद उपचुनाव की जरूरत पड़ी. 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिल्कीपुर अयोध्या जिले की एकमात्र विधानसभा सीट थी, जहां बीजेपी हारी थी. सपा जहां इस चुनाव में सीट बरकरार रखने की कोशिश कर रही है, वहीं बीजेपी फैजाबाद में अपनी हार का बदला लेने के अवसर के रूप में देख रही है.

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