सुभाष - शेर अली पखवाड़े का शुभारंभ,
विद्यार्थियों को बनायेंगे विचारवीर - प्रो. मनोज,
शहीद शेर अली की शहादत दिवस के उपलक्ष्य में लुआक्ता अध्यक्ष विधि शास्त्री प्रो. मनोज पांडे की अध्यक्षता और हिंदी शिक्षक मंच के महासचिव प्रो. दीपक राय के संचालन में आयोजित संगोष्ठी में समाजवादी चिंतक दीपक मिश्र के मार्गदर्शन में सुभाष- शहीद शेर अली पखवाड़ा मनाने का निर्णय लिया गया जिसमें शहीद शेर अली की शहादत और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सपनों के भारत के बारे जानकारी दी जाएगी और जागरुकता अभियान चलाया जाएगा । इस अवसर पर समाजवादी चिंतन/बौद्धिक सभा के अध्यक्ष दीपक मिश्र ने कहा कि नई पीढ़ी को भारत के आदर्शों और गौरवशाली इतिहास से अवगत कराना हम सभी का लोकधर्म है । शहीद शेर अली को 11 मार्च 1872 ko ब्रिटानिया हुकूमत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड मेयो के बध के कारण फांसी हुई थी । शहीदेआजम भगत सिंह से शेर अली द्वारा की गई क्रांतिकारी घटना को सबसे बड़ा प्रेरक एक्शन कहा था। मेयो की हत्या शहीद और वीर शेर अली अफरीदी ने अंडमान - निकोबार में की थी जहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने तिरंगा फहराया था । दीपक ने कहा कि हमारे देश की विरासत है कि आजाद, अशफाक, सुभाष, आबिद हसन सफ़रानी और शेर अली जैसे पूर्वज मिल कर आजादी के लिए लड़े । इसी विरासत को मजबूत करने के सुभाष - शेर अली पखवाड़ा मनाया जा रहा है । प्रो. मनोज पांडे ने कहा कि विद्यार्थियों और नई पीढ़ी को ज्ञान एवं विचारों से लैस किया जाएगा ताकि वे संकीर्ण साम्प्रदायिकता, जहरीली जातिवाद जैसी राष्ट्रीय समस्याओं से लड़ सकें । इस्लामिया डिग्री कॉलेज के प्राचार्य प्रो. दिलशाद अहमद ने हिन्दू मुस्लिम एकता पर जोर देकर कहा कि क्रूर कट्टरता और फिरकापरस्ती से देश को बचाना हमारा कर्तव्य है । संगोष्ठी में नागा चौधरी, दौलत अली, अनुभव मिश्र समेत कई वक्ताओं ने अपने विचार रखे । पखवाड़ा मनाने और विविध कार्यक्रमों के आयोजन के लिए 11 सदस्यीय संचालन समिति का गठन किया गया है जिसके समन्वयक समाजसेवी राजेश अग्रवाल (उत्तर प्रदेश) और कार्यक्रम प्रभारी एस. सूर्य प्रकाश (अंडमान) है । पखवाड़े का समापन कार्यक्रम 26 मार्च को विजयपुरम,अंडमान में होगा जहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने तिरंगा फहराया था । इस दौरान लगभग चार दर्जन गोष्ठियां, दो दर्जन संवाद और अंडमान निकोबार में सुभाष - शेर अली समाजवाद सशक्तिकरण पदयात्रा प्रस्तावित है ।