अगर 12 लाख की इनकम है टैक्स फ्री, फिर 4-8 लाख पर 5% टैक्स का क्या है झोल?

Update: 2025-02-01 09:44 GMT

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में मिडिल क्लास को बड़ी सौगात देते हुए न्यू टैक्स रिजीम के तहत 12 लाख रुपए की इनकम को टैक्स फ्री बनाने का ऐलान कर दिया. इसमें 75,000 रुपए के स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा भी इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स को मिलेगा. इस तरह आम आदमी की 12.75 लाख रुपए की इनकम टैक्स-फ्री होगी. लेकिन फिर भी सरकार ने बजट में जो टैक्स स्लैब अनाउंस किया है, उसमें 4 से 8 लाख रुपए की इनकम पर 5 प्रतिशत टैक्स लगाया गया है. आखिर इसके मायने क्या हैं?

इस कन्यूफजन का सॉल्युशन इनकम टैक्स कानून-1961 की धारा-87A में छुपा है. सरकार आम आदमी का टैक्स कैलकुलेशन अलग-अलग इनकम ब्रैकेट के हिसाब से ही करती है. लेकिन आपका जो टैक्स बनता है, उसे वसूलती नहीं. इसे टैक्स रिबेट कहा जाता है. इसका फायदा न्यू टैक्स रिजीम के साथ-साथ आपको ओल्ड टैक्स रिजीम में भी मिलता है.

ओल्ड टैक्स रिजीम में रिबेट का फायदा

देश में अभी ओल्ड टैक्स रिजीम खत्म नहीं हुआ है. इस रिजीम में आपकी 2.5 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री होती है, लेकिन सरकार आपको 5 लाख तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं वसूलती. तो इस व्यवस्था में आपका 2.5 लाख से 5 लाख रुपए तक की इनकम पर 12,500 रुपए का जो टैक्स बनता है. सरकार धारा-87A के तहत रिबेट देकर उसे वसूलती नहीं. इस तरह आपकी टैक्स-फ्री इनकम 5 लाख रुपए हो जाती है.

नई टैक्स रिजीम और टैक्स स्लैब का कैलकुलेशन

नई टैक्स रिजीम में भी सरकार ने इनकम टैक्स रिबेट के फायदे का दायरा बढ़ा दिया है. पिछले साल जुलाई में सरकार ने बजट में न्यू टैक्स रिजीम में 7 लाख रुपए तक की इनकम को टैक्स फ्री करके स्लैब्स को चेंज किया था. इसमें भी स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ 7.75 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री हो गई थी. अब सरकार ने 12.75 लाख रुपए तक की इनकम को टैक्स फ्री कर दिया है.

दरअसल जैसे ही आप 12 लाख रुपए की इनकम से ऊपर जाते हैं, तो आपका टैक्स ब्रैकेट चेंज हो जाता है. इस तरह आपका टैक्स कैलकुलेशन फिर उसी ब्रैकेट के हिसाब से होता है. इसे टैक्स स्लैब के उदाहरण से ही समझते हैं…

इनकम टैक्स

0-4 लाख रुपए शून्य

4-8 लाख रुपए 5 प्रतिशत

8-12 लाख रुपए 10 प्रतिशत

12-16 लाख रुपए 15 प्रतिशत

16-20 लाख रुपए 20 प्रतिशत

20-24 लाख रुपए 25 प्रतिशत

24 लाख रुपए से अधिक 30 प्रतिशत

मान लीजिए आपकी इनकम 4 लाख रुपए है, तब सरकार आपका कोई टैक्स नहीं बनेगा. लेकिन जैसे ही आप 4 लाख रुपए से 1 रुपए भी अधिक कमाएंगे, तो आप 5 प्रतिशत टैक्स वाले ब्रैकेट में आ जाएंगे. इस ब्रैकेट में आपका मैक्सिमम टैक्स 4 लाख रुपए पर 5 प्रतिशत के हिसाब से 20,000 रुपए बनेगा. लेकिन रिबेट के चलते आपको ये टैक्स चुकाना नहीं होगा.

अब अगर आपकी इनकम 8 लाख रुपए से अधिक हो जाती है, तो आप 10 प्रतिशत वाले टैक्स ब्रैकेट में आएंगे. इस पर आपका मैक्सिमम टैक्स 8-12 लाख रुपए कर इनकम का 10 प्रतिशत यानी 40,000 रुपए बनेगा. साथ ही 4 से 8 लाख रुपए की 4 लाख की इनकम का 20,000 रुपए बनेगा, जो टोटल टैक्स 60,000 रुपए बनाएगा. लेकिन सरकार आपको इसकी रिबेट देगी.

जैसे ही आपकी इनकम 12 लाख रुपए से अधिक होगी, आप 15 प्रतिशत वाले टैक्स ब्रैकेट में आएंगे और आपको टैक्स रिबेट का फायदा नहीं मिलेगा. इस तरह आपका 12 से 16 लाख रुपए के 4 लाख रुपए पर 15 प्रतिशत यानी 60,000 रुपए टैक्स बनेगा. जबकि इससे में 12 लाख तक की इनकम का 60,000 रुपए टैक्स जुड़ जाएगा. इस तरह आपका टोटल इनकम टैक्स 1,20,000 रुपए होगा.

 

ऐसे होगा टैक्स कैलकुलेशन

इसी तरह जैसे ही आप 16 लाख से अधिक के इनकम टैक्स ब्रैकेट में आएंगे, तो आपको 20 प्रतिशत के टैक्स कैलकुलेशन के हिसाब से टोटल इनकम टैक्स 2 लाख रुपए, 20 से 24 लाख के ब्रैकेट में 25 प्रतिशत के हिसाब से टोटल टैक्स 3 लाख रुपए और 50 लाख रुपए तक की इनकम पर 10.80 लाख रुपए का टैक्स देना होगा.

Similar News