महाकुंभ में डुबकी लगाने वालों का आंकड़ा 8 करोड़ पार, CM योगी ने मौनी अमावस्या के ल‍िए द‍िए ये न‍िर्देश

Update: 2025-01-20 03:00 GMT

महाकुंभ नगर। महाकुंभ में अब तक स्नान करने वालों की संख्या आठ करोड़ 26 लाख हो गई है। रविवार को ही 44.9 लाख श्रद्धालुओं ने स्नान किया। इनके अतिरिक्त 10 लाख कल्पवासियों ने भी स्नान किया।महाकुंभ में 40 करोड़ या इससे अधिक तीर्थयात्रियों के आने का पूर्वानुमान है।

देश-दुनिया से लोगों के आने और स्नान का क्रम लगातार बना है। प्रत्येक दिन स्नानार्थियों की संख्या बढ़ रही है। सभी घाट आस्था की डुबकी लगाने वालों से भरे रहते हैं। पहला अमृत स्नान मकर संक्रांति पर हो चुका है, लेकिन डुबकी लगाने वालों की भीड़ अब भी उत्साह में है। रविवार सुबह कोहरा था, लेकिन दोपहर में मौसम साफ हो गया। धूप खिलने के साथ ही मेला क्षेत्र के प्रमुख मार्गों, संगम मार्ग पर श्रद्धालुओं की भीड़ चलती रही।

मौनी अमावस्या पर सुदृढ़ हो सुरक्षा व भीड़ प्रबंधन: सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मौनी अमावस्या पर महाकुंभ के प्रमुख अमृत स्नान पर्व को लेकर विशेष प्रबंध का निर्देश दिया है। रविवार को यहां मुख्यमंत्री ने कहा कि गणतंत्र दिवस, मौनी अमावस्या व वसंत पंचमी पर महाकुंभ मेला क्षेत्र में भीड़ प्रबंधन व संचार तंत्र को और उत्कृष्ट बनाया जाए।

 

मौनी अमावस्या व वसंत पंचमी के अमृत स्नान के समय सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ होनी चाहिए। भीड़ प्रबंधन के लिए इन विशेष दिवसों पर पांटून पुल पर आवागमन वनवे रखा जाए। दोनों स्नान पर्वों पर पूरे मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन (वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित) घोषित किया जाए। कहा, श्रद्धालुओं की आस्था का पूरा सम्मान होना चाहिए। योगी ने 22 जनवरी को प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक की तैयारियों को भी समय से पूरा करने का निर्देश दिया।

 

मुख्यमंत्री ने महाकुंभ नगर पहुंचने पर पहले मेला क्षेत्र का भ्रमण किया। इसके बाद प्रयागराज मेला प्राधिकरण के इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर के सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक की। कहा कि वर्तमान में मेला परिसर में लगभग डेढ़ करोड़ श्रद्धालु उपस्थित हैं। अब तक आठ करोड़ से अधिक श्रद्धालु त्रिवेणी स्नान कर चुके हैं। पौष पूर्णिमा व मकर संक्रांति पर आस्था का जन समुद्र उमड़ा था, यह सुखद रहा कि श्रद्धालु संतुष्ट होकर यहां से लौटे। अब मौनी अमावस्या पर 8-10 करोड़ लोगों के आने का अनुमान है। लोगों की सुविधा व सुरक्षा के दृष्टिगत पर्याप्त प्रबंध होने चाहिए।

मौनी अमावस्या के साथ ही वसंत पंचमी पर प्रयास होना चाहिए कि जो लोग जिस तरफ से आ रहे हैं, वहीं के निकट घाट पर स्नान कर लें। स्नानार्थियों को कम से कम पैदल चलना पड़े, ऐसे प्रबंध हों। ट्रेनों के आवागमन, प्लेटफार्म संख्या आदि के बारे में लगातार उद्घोषणा की जाती रहे। यह सुनिश्चित करें कि गाड़ियों के आवागमन के लिए एक बार घोषित प्लेटफार्म संख्या में बदलाव न हो।

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