शेयर बाजार में 92 लाख करोड़ साफ, टूटा 30 साल पुराना रिकॉर्ड... अब आगे क्‍या?

Update: 2025-02-28 12:16 GMT


शेयर बाजार में बीते पांच महीनों से भारी गिरावट देखी जा रही है। इस दौरान सेंसेक्स 11.54 फीसदी और निफ्टी 12.65 फीसदी तक गिर चुका है। वहीं, BSE मिडकैप की स्थिति और भी गंभीर है, जिसमें 20 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है। इस भारी गिरावट के चलते निवेशकों को करीब 92 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जो पिछले 30 वर्षों में सबसे बड़ी गिरावटों में से एक मानी जा रही है।

गिरावट के मुख्य कारण

वैश्विक आर्थिक मंदी: अमेरिका और यूरोप में बढ़ती महंगाई और ब्याज दरों में वृद्धि के कारण निवेशकों का विश्वास कमजोर हुआ है।

घरेलू आर्थिक नीतियां: भारतीय अर्थव्यवस्था में कई क्षेत्रों में सुस्ती देखी जा रही है, जिससे बाजार प्रभावित हुआ है।

FII (विदेशी संस्थागत निवेशक) की बिकवाली: विदेशी निवेशकों ने बड़े पैमाने पर भारतीय शेयर बाजार से पैसा निकाला है, जिससे बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

कॉरपोरेट आय में कमी: कंपनियों की आय अपेक्षा से कम रहने के कारण बाजार में कमजोरी बनी हुई है।

नेताओं की प्रतिक्रिया

समाजवादी पार्टी (SP) के नेता प्रवीन पाठक (हर्रैया विधानसभा, बस्ती के विधानसभा प्रत्याशी) ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "सरकार सो रही है और बाजार से लोग कंगाल होते जा रहे हैं।" उन्होंने सरकार से इस गिरावट को रोकने के लिए ठोस उपाय करने की मांग की।

वहीं, आर्थिक विश्लेषक प्रकाश पांडे ने इस गिरावट पर अपनी राय रखते हुए कहा कि "बाजार अभी नहीं सुधरने वाला है जब तक कंपनियों की आय में सुधार नहीं होता।" उन्होंने कहा कि निवेशकों को फिलहाल सतर्क रहने की जरूरत है और जल्दबाजी में निवेश करने से बचना चाहिए।

आगे का रास्ता क्या?

विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में स्थिरता लाने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:

नीतिगत सुधार: सरकार को निवेशकों के विश्वास को बढ़ाने के लिए ठोस नीतिगत कदम उठाने होंगे।

ब्याज दरों में स्थिरता: केंद्रीय बैंकों को ब्याज दरों में स्थिरता बनाए रखनी होगी ताकि निवेशकों का भरोसा बहाल हो।

कॉरपोरेट प्रदर्शन में सुधार: कंपनियों को अपनी कमाई बढ़ाने के लिए नए रणनीतिक उपाय अपनाने होंगे।

FII निवेश को बढ़ावा: विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए सरकार को टैक्स में छूट और अन्य सुविधाएं देनी होंगी।

निवेशकों के लिए सुझाव

दीर्घकालिक निवेश करें और बाजार की अस्थिरता से घबराकर जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें।

मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियों में निवेश करें।

पोर्टफोलियो में विविधता बनाए रखें और सभी पैसे एक ही सेक्टर में न लगाएं।

अनुभवी वित्तीय सलाहकार से मार्गदर्शन लें।

शेयर बाजार में गिरावट के इस दौर में सतर्कता और सही रणनीति अपनाकर निवेशक नुकसान से बच सकते हैं और दीर्घकालिक लाभ कमा सकते हैं।

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