दुबई से AI के जर‍िए चलता था ट्रेडिंग का खेल, अमेरिका में होता था निवेश; अब ED करेगी जांच

Update: 2025-02-12 11:16 GMT

शामली। मुजफ्फरनगर के लविश चौधरी के साथ मिलकर नवाब ने ढाई साल में करोड़ो रुपये की संपत्ति बना ली थी। आरोपितों की कंपनी में डॉलर के रूप में निवेश कराया जाता था, और ट्रेडिंग रोबोट यानी एआई के माध्यम से होती थी। करोड़ों रुपये की संपत्ति बनाने के बाद लविश दुबई चला गया था, जबकि नवाब भारत में रहकर कार्य देख रहा था। शामली के भी 250 से अधिक लोगों ने रुपये निवेश किए थे। ईडी लेनदेन करने वाले सभी लोगों से जल्द ही पूछताछ कर सकती है।

अप्रशिक्षित चिकित्सक नवाब छह साल पहले अपने गांव को छोड़कर शामली आ गया था। दो सालों में वह करोड़पति बन गया और उसके घर रोजाना लोगों का आना-जाना लगा रहता था।

सूत्रों के अनुसार, मुजफ्फरनगर निवासी लविश चौधरी ने ट्रेडिंग कंपनी वाइएफएक्स बोट ब्रो टीएलसी एक का पंजीकरण जुलाई 2023 में अमेरिका के मीएमई बीच एफएल में कराया था। कंपनी के सीईओ लविश, शामली निवासी नवाब, राशिद मुख्य व्यक्ति हैं। इसके अलावा कई देशों में उक्त लोगों ने एक करोड़ से अधिक लोगों को निवेश के लिए जोड़ रखा है। दो साल पहले लविश दुबई चला गया था। वहीं से कंपनी का संचालन कर रहा है।

रोबोट करता था ट्रेडिंग, ऐसे कराते थे निवेश

आरोपितों ने शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, सहारनपुर समेत देशभर के एक करोड़ से अधिक लोगों को अपने एप्लीकेशन से जोड़ रखा है। बोट ब्रो टीएलसी में निवेश शहर निवासी एक व्यक्ति ने बताया कि इस कंपनी में ट्रेडिंग का कार्य रोबोट एआई के माध्यम से करता है। भरोसा दिलाया जाता है कि रोबोट ट्रेडिंग करेगा और रुपये डूबने नहीं देगा। इसके लिए रोबोट की फीस एक साल में दस हजार रुपये होती है।

कंपनी की ओर से प्रथम चरण में दो हजार डालर यानी एक लाख 60 हजार रुपये का निवेश और दस हजार रुपये रोबोट फीस यानी कुल 1 लाख 70 हजार रुपये का निवेश कराया जाता है। रोबोट एक महीने में 10 हजार 200 रुपये बढ़ाकर देता है। यह 10 हजार 200 रुपये प्रत्येक महीने की पांच तारीख को निवेश करने वाला व्यक्ति निकाल लेता है। इसके अलावा जो दो हजार डॉलर निवेश के होते है वह रुपये छह महीने बाद ही निकाला जा सकता है। शामली के कई लोगों ने कंपनी में निवेश कर करोड़ो रुपये कमा लिए है। सूत्रों की माने तो जल्द ही उक्त लोगों के घर भी छापेमारी हो सकती है।

अमेरिका और दुबई में जमा कर रहे थे धन

सूत्रों से जानकारी मिली है कि आरोपितों के भारत के अलावा कई अन्य देशों में भी बैंक खाते है। आरोपित शामली के अलावा मुख्य रूप से दुबई में रुपया जमा कर रहे थे। चूंकि लविश चौधरी लंबे समय से दुबई में ही रहता है। ईडी की टीम जल्द ही आरोपित के बारे में जानकारी लेंगे।

यू-ट्यूब वीडियो के माध्यम से जोड़ते है लोग, प्लॉट और टूर का देते है लालच

बोट ब्रो कंपनी के निदेशक लविश चौधरी और कंपनी से जुड़े अन्य कई लोगों ने यू-ट्यूब पर चैनल बना रखे हैं। जिसके माध्यम से वह मोटिवेशनल वीडियो बनाकर लोगों को निवेश कराने का लालच देते है। इसके कंपनी में 10 लाख से अधिक रुपये निवेश करने वाले व्यक्ति को उसके शहर में ही गारंटी के तौर पर एक प्लॉट दिया जाता है। जबकि पांच लाख से अधिक रुपये निवेश करने वाले व्यक्ति को 10 दिन का दुबई टूर दिया जाता है। जिसके लालच में आकर व्यक्ति रुपये निवेश कर देते है।

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