Janta Ki Awaz

भोजपुरी कहानिया - Page 13

रामचरन-काका संवाद

14 Jan 2020 5:48 AM GMT
गोड़ लागिंले काका......जीयs जीयs ...... का हाल बा रामचनर? कँहा रह तारs हो, तूं त एकदम सरकारी फसल बीमा के पइसा नियर नापता हो गइलs मरदे.....- नापाता...

इस्कियुज मी डार्लिंग...: सर्वेश तिवारी श्रीमुख

14 Jan 2020 5:30 AM GMT
सुबह सुबह जब आलोक पाण्डेय की नींद टूटी तो नित्य की भांति सबसे पहले मोबाईल का दर्शन किये। कोई मिस्डकॉल तो नही था, पर एक मैसेज बिना बताए पाकिस्तानी...

आधुनिकता (कहानी)

7 Jan 2020 3:10 AM GMT
चुंगी तिराहे पर बजाज ढाबे के सामने , नीम के पेड़ के पास बस रुकी तो लगा आज से तीन बरस पहले का समय लौट आया है । हाथों में किताबें और बैग लिए लड़के -...

अंग अंग देहिया टूटा ता...... मकई के लावा जैसे फूटा ता

29 Dec 2019 10:50 AM GMT
गजब हाल है ये मरदे, मने ई ठंडी का रंग भी अलग अलग होता है। अब देखिये न, गुड्डू बाबू रोज सुबह सुबह पिछवारी खेत में भर लोटा पानी ले कर जाते हैं और आधा...

धान का बोझा से पैसा आएगा...परीक्षा का बोझा से नौकरी, पैसा, इज्जत, कटरीना सब आएगा

13 Dec 2019 7:46 AM GMT
ये साल भी लगभग खत्म होने के कगार पर है। उधर खेत में चाची धान का बोझा उठा रही होती हैं...इधर गुडुआ परीक्षा का बोझा उतार रहा होता है। धान का बोझा से...

रजेश और पिंकी फून पर ... रिवेश प्रताप सिंह

11 Dec 2019 3:28 AM GMT
पिंकी- आज बाबूजी,अम्मा से हमारी बिआह टालने की बात कर रहे थे.रजेश- अरे बाप रे ! काहें भला .....पिंकी- बाऊजी कह रहे थे कि हमरे बस का नहीं कि दू कुंटल...

फिर एक कहानी और श्रीमुख "तक्षक"

10 Dec 2019 2:16 PM GMT
प्राचीन भारत का पश्चिमोत्तर सीमांत! मोहम्मद बिन कासिम के आक्रमण से एक चौथाई सदी बीत चुकी थी। तोड़े गए मन्दिरों, मठों और चैत्यों के ध्वंसावशेष अब टीले...

इस प्यार को क्या नाम दूँ

12 Nov 2019 12:24 PM GMT
इन 60-65 साल के अंकल आंटी का झगड़ा ही ख़त्म नहीं होता...एक बार के लिए मैंने सोचा अंकल और आंटी से बात करूं क्यों लड़ते हैं हरवक़्त, आख़िर बात क्या...

त्योहारी गुलाब... सर्वेश तिवारी श्रीमुख

5 Nov 2019 1:14 PM GMT
नवम्बर का महीना उदासियों का महीना रहा है। मन नहीं लगता। गाँव उस घर की तरह लगता है, जिस घर से बेटी विदा हुई हो। आदमी उदास, पेंड़ उदास, हवा-पानी उदास......

फिर एक कहानी और श्रीमुख "टेक"

19 Oct 2019 2:40 AM GMT
संझलौका की बेला में यदि बिशम्भरपुर गांव की हवा में तरकारी के फोरन की खुशबु तैर जाय तो बच्चे तक बूझ जाते हैं कि रमा बुआ के रसोई से ही यह खुशबु आ रही...

बिहार.... जहाँ आज भी ख़नक जिंदा है!

17 Oct 2019 12:56 PM GMT
हमें जीवन में जब किसी भौगोलिक क्षेत्र की सामाजिक व सांस्कृतिक आत्मा को जानने समझने की जिज्ञासा होती है तो "बिहार" की। उसी बिहार में जहाँ आधा जीवन...

रद्दी (कहानी)

16 Oct 2019 2:30 AM GMT
गर्मी की छुट्टी आधा बीत गई लेकिन तू किताब खोल कर एक अक्षर नहीं पढ़ा। संवरू की अम्मा ने रोटी बेलना रोक कर संवरू को घूर कर कहा।अम्मा.... का करें...
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