Janta Ki Awaz

भोजपुरी कहानिया - Page 16

बरखा बहार आई

25 Sep 2020 10:15 AM GMT
धान के दो पौधे बारी-बारी से घुटनों से मेरा पैर छूआ तो न चाहते हुए भी मैं मेड़ पर बैठ गया। वे दोनों पहले तो थोड़ा झिझके, शर्माए फिर मुझे देखता देखकर...

बोरी, आखिर है किसकी! इनकी या मेरी....

17 Sep 2020 9:59 AM GMT
माह में दो-तीन बार गेहूँ पिसवाने जाता हूँ. कल भी चक्की पर गया था (आम बोलचाल में आटा ही पिसवाता हूँ लेकिन यहाँ इतना पेंचकश लगाने वाले हैं इसलिए यहाँ...

बहे पुरवइया रे ननदी....

24 Aug 2020 12:50 PM GMT
पिछले सप्ताह भर से पुरुवा हवा चलने लगी है। हवा के साथ एक-आध औछार बारिश भी रोज हो ही जाती है। मेरे जैसे किसी ठेठ देहाती के लिए हवा के साथ नाचते...

सावन के रंग और गांव...

22 July 2020 3:48 PM GMT
पहले सावन का महीना कौवों के उचरने का महीना होता था। आंगन की मुंडेर पर बैठे कौवे से महिलाएं पूछतीं, "कोई आ रहा है?" और यदि कौवे ने उड़ कर हामी भर...

फिर एक कहानी और..... (कजरी)

19 July 2020 11:34 AM GMT
मखमली गद्दे पर बैठी उस अद्वितीय सुन्दरी ने अपने पैरों को थोड़ा सा हिलाया, पैर में बंधे घुंघरू बोल उठे। साजिन्दों को इशारा मिला, तबले-सारंगी पर...

गाँव, मनोहर- संगीता की शादी और कोरोना माई

6 Jun 2020 12:39 PM GMT
नैसर्ग भले महाराष्ट्र को तबाह कर रही हो, पर गाँव घर के किसानों के जीवन पर मोती बरसा रही है। पछुआ हवा के साथ बारिश की छोटी बूँदें जब किसान की भाग्य...

सहोदर...

24 May 2020 12:22 PM GMT
वर्षों छोटी अदालतों में काम करने के बाद अंततः प्रमोशन पाकर जिला जज के यहां पेशकार हो गए डबलू पाँड़े । सो इस बार जब गाँव पधारे तो रंग - ढंग और...

मजाकिया : आशीष त्रिपाठी

9 May 2020 4:12 PM GMT
बड़े भाई हरिनाथ पढ़े - लिखे विद्वान आदमी थे , उनके पीछे लोगों का हुजूम और उनके द्वारा बड़े भाई की प्रशंसा देख रतिनाथ को कोफ्त होती । रतिनाथ के पास विद्या...

जेकर पियवा बसे परदेस सखी

7 May 2020 11:50 AM GMT
वैसे टाई आज भी सही से बंध तो नहीं पाई थी लेकिन बिल्लू और झिनकी को उनके अँग्रेजी मीडियम वाले स्कूल ड्रेस में देख के धनेसरी का हृदय गर्व से उन्नत हुआ जा...

आपकी क़सम..!

3 May 2020 3:46 AM GMT
एक सुशिक्षित ग्रामीण महिला का गँवारों के बीच पहुंच जाना पता नहीं उसका दुर्भाग्य है या नहीं, किन्तु इतना तो तो सत्य है कि उस समाज का सौभाग्य होता...

फिर एक कहानी और श्रीमुख "सारंग"

9 April 2020 2:47 PM GMT
झील के तट पर बैठे युवक ने एक कंकड़ उठा कर जल में फेंका, पानी में लहरें उठीं। उसने पास बैठी युवती से पूछा, "क्या सचमुच आपके हृदय में इतनी ही लहरें उठती...

हे बबिता! हम टिरेन पकड़ के शनिचर को आ रहे हैं हो

5 March 2020 5:58 AM GMT
मदरास से। तुम्हारे लिए आसमानी रंग का सड़िया, दु जोड़ा पायल और बिछिया है। बाहरी दरवाजे के लिए छींटदार पर्दा, दू ठो बेडशीट, एक नया अटैची, बाबा कंपनी का...
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