Janta Ki Awaz
उत्तर प्रदेश

DGP जावीद अहमद ने खुद खाई गोली!

.

dgp

क्या होता है टेजर गन?

हिंसक भीड़ और दंगाईयों को कंट्रोल करने में टेजर गन असरदार साबित हुआ है. इसे फायर करने से पिन के आकार की दो गोलियां निकलती है. इससे बिजली का झटका यानि ‘शॉक’ जैसा लगता है.

मांसपेशियां हो जाती हैं सुन्न

गोली लगने के बाद 3 से 5 सेकेण्ड के लिए व्यक्ति बेहोश हो जाता है. टेजर गन की गोली से मांसपेशियां सुन्न हो जाती हैं. यूपी की ATS पहले ही इसे खरीद चुकी है. दुनिया के कई देशों और देश के कई राज्यों में इसका खूब इस्तेमाल हो रहा है.

दंगे जैसे हालात में रामबाण बन सकता है टेजर गन

कश्मीर में पैलेटगन के इस्तेमाल को लेकर विरोध जारी है. यूपी में भी आये दिन जगह जगह भीड़ हिंसा पर उतारू हो जाती है. कई बार दंगे जैसे हालात बन जाते है. ऐसे मौकों पर टेजर गन रामबाण बन सकता है.

एक रिसर्च के मुताबिक हिंसक भीड़ से निपटने में टेजर गन से पुलिस वालों को कम से कम नुक्सान होता है. लेकिन कुछ मामलों में टेजर गन की गोली लगने से लोगों की मौत भी हुई है और लकवा भी मार गया है.

Next Story
Share it