विनायक चतुर्थी पर कैसे करें पारण? जिससे प्राप्त हो पूजा का पूरा फल

Update: 2025-01-02 05:38 GMT

विनायक चतुर्थी हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण दिन में से है, जब भक्त भगवान गणेश की अत्यधिक भक्ति के साथ पूजा करते हैं। विनायक चतुर्थी हर माह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार विनायक चतुर्थी पौष माह के दौरान, 3 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी। मान्यता है कि जो साधक इस दिन  सच्चे भाव के साथ पूजा-अर्चना करते हैं, उन्हें सुख और शांति की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही बप्पा की कृपा सदैव के लिए प्राप्त होती है।

विनायक चतुर्थी पर कैसे करें पारण? जिससे प्राप्त हो पूजा का पूरा फल शुभ मुहूर्त  

वैदिक पंचांग के अनुसार, पौष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 03 जनवरी को देर रात 01 बजकर 08 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 03 जनवरी को रात 11 बजकर 39 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए 03 जनवरी को विनायक चतुर्थी मनाई जाएगी।

विनायक चतुर्थी पारण विधि 

भक्त सुबह जल्दी उठें और पूजा अनुष्ठान शुरू करने से पहले पवित्र स्नान करें।

मंदिर की सफाई करें।

भगवान गणेश का पंचामृत से अभिषेक करें।

उन्हें पीले वस्त्र चढ़ाएं।

कुमकुम का तिलक लगाएं।

केले, मोदक और घर पर बनी मिठाई का भोग लगाएं।

इसके बाद उनके सामने घी का दीपक जलाएं।

गणेश जी के विशेष मंत्रों और स्तोत्रों का पाठ करें।

आरती से पूजा को पूर्ण करें।

जरूरतमंद लोगों को भोजन, कपड़े और अन्य आवश्यकता की चीजें दान करें।

प्रसाद से अपने व्रत का पारण करें और तामसिक चीजों से दूरी बनाएं।

गणेश जी पूजन मंत्र 

1. वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।

निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥.

2. त्रयीमयायाखिलबुद्धिदात्रे बुद्धिप्रदीपाय सुराधिपाय।

नित्याय सत्याय च नित्यबुद्धि नित्यं निरीहाय नमोस्तु नित्यम्।

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