मुलायम के चुनावी परिदृश्य से गायब होने से आहत हैं लोग

Update: 2017-02-18 05:49 GMT
किशनी (मैनपुरी) निवासी इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता नरेन्द्र सिंह यादव कहते हैं कि मैनपुरी के लोग नेताजी से जुड़े हुए हैं। वे नहीं मानते कि झगड़ा बनावटी है। परिवार में जो कुछ हुआ, नेताजी हटाए गए, वह जिस तरह चुनावी परिदृश्य से गायब हैं, उससे पुराने लोग आहत हैं।

उन्हें लगता है कि नेताजी और शिवपाल यादव के साथ अच्छा बर्ताव नहीं हुआ। आखिर पार्टी नेताजी ने खड़ी की और शिवपाल ने उनकी मदद की। जसवंतनगर के रवि बाबू कहते हैं कि यहां लोग शिवपाल के साथ हैं लेकिन आसपास की सीटों पर कुछ फर्क पड़ सकता है।

विवाद परिवार का, चुनाव पर असर नहीं
इटावा में आवास विकास परिषद में रहने वाले सेवानिवृत्त डिप्टी एसपी रामनाथ सिंह यादव मानते हैं कि मुलायम परिवार के विवाद का चुनाव पर असर नहीं है। सभी जानते हैं कि परिवार के झगड़े का फैसला हो जाएगा। कार्यकर्ता परिवार के विवाद में कुछ बोलना नहीं चाहते हैं। युवाओं का समर्थन अखिलेश के साथ हैं। पुराने लोग जरूर कुछ चितिंत हैं लेकिन सभी सपा को जिता रहे हैं।

आहत ग्राम प्रधान ने साध ली है चुप्पी

सैफई के लंबे समय से प्रधान चले आ रहे दर्शन सिंह यादव तो मुलायम परिवार के झगड़े से इतने आहत हैं कि उन्होंने चुप्पी साध ली। चुनावी गहमागहमी के दूर वह सैफई के बाहर एक दुकान पर पर बैठे मिले।

चुनाव की चर्चा आते ही माथे पर दोनों हाथ रखकर सिर नीचे कर लेते हैं। ज्यादा कुरदने पर कहते हैं, तबियत ठीक नहीं है। डॉक्टर ने बोलने से मना किया है।

बुजुर्ग दुकानदार कहते हैं, आप अभयराम (मुलायम सिंह के छोटे भाई) से मिल लो। हालांकि अभयराम के बारे मे बताया गया कि वह लखनऊ गए हैं।

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