बीजेपी ने हमसे छोटी कुर्सी छीनी, हम बड़ी छीनेंगे : अखिलेश यादव

Update: 2017-10-10 12:39 GMT

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को सहारनपुर के तीतरो में आयोजित जनसभा में भाजपा पर जमकर निशाना साधा। अखिलेश बोले, हमें धोखे से हराया, मगर भाजपा जो बातें करती हैं अब हम भी वही करेंगे। हम भी जातिवाद की बात करेंगे। सीएम योगी पर तंज कसते हुए कहा, मुझे मन्त्र पढ़ना नहीं आता, मगर समाजवादियों को एक्सप्रेस-वे, मेट्रो और विकास की बात करनी आती हैं। हम पर पांच मुख्यमंत्री का आरोप था, मगर अब एक मुख्यमंत्री, दो उप और दो बोलने वाले मंत्री हैं। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बेटे पर निशाना साधते हुए कहा कि 50 हजार से कई गुना व्यापार का फार्मूला हमें भी बताओ। कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा, पुलिस अब भी पैसे ले रही है, राजधानी में लूट, डकैती और हत्याएं हो रही हैं। औरैया में कप्तान ने ही सुपारी ले ली। हमने 100 नंबर दिया और अब उसका तेल निकल रहा है। मंच पर राज्यसभा सांसद ने सुमित एनकाउंटर का मुद्दा उठाया। पूर्व मंत्री स्वर्गीय चौधरी यशपाल की 96वीं जयंती पर अखिलेश करीब 40 मिनट तक बोले। गठबंधन पर कहा आरक्षण के बाद तय होगी स्थिति।

विधानसभा में करारी शिकस्त झेल चुकी समाजवादी पार्टी एक बार फिर अपनी सियासी जमीन को मजबूत करने की कोशिश में जुट गई है। आगरा सम्मेलन में राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के बाद अखिलेश यादव ने पहली बार जनसभा को संबोधित किया।

ऐसे में माना जा रहा है कि अखिलेश इस रैली के जरिए जनता का मूड भी भांपना चाहा। इसके अलावा अखिलेश ने अपने परंपरागत मतों को पार्टी के साथ बांधे रखने की पुुरजोर कोशिश की।

पूर्व मंत्री और पश्चिम के कद्दावर नेता रहे स्वर्गीय चौधरी यशपाल के जन्मदिन पर तीतरो कस्बे के इंटर कालेज में आयोजित जनसभा में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बतौर मुख्य अतिथि रहे। बतौर राष्ट्रीय अध्यक्ष पहली रैली के पीछे कई तरह के राजनीतिक कयास लगाए जा रहे हैं। राजनीतिक गलियारे में तमाम चर्चाएं है। माना जा रहा है कि अखिलेश इस रैली के जरिए पश्चिमी यूपी के अपने परंपरागत मतदाताओं को साधने की कोशिश कर रहे हैं।

यहां उनके आने के पीछे एक बड़ा कारण यह भी है कि पूरे प्रदेश में गठबंधन का फार्मूला बहुत सफल नहीं रहा हो, मगर सहारनपुर में यह काफी हद तक कामयाब रहा। यही कारण है कि यहां से फिर अपने चुनावी शंखनाद को लेकर पार्टी कमर कसना चाहेगी।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह भी है कि गंगोह विधानसभा गठबंधन के चलते कांग्रेस के पाले में जाने के बाद भी चौधरी यशपाल के बेटे इंद्रसेन साइकिल सिंबल पर ही चुनावी मैदान में डटे रहे थे। हालांकि उस वक्त उन्हें पार्टी से निलंबित किया था।

मगर चुनाव बाद उनकी वापसी के जरिए गुर्जर मतदाताओं को अपनेपन का संदेश दिया। ऐसे में अब पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एक बार फिर अपनी जमीन मजबूत करने उतरे । 

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