समाजवादी एमएलसी सुनील यादव साजन की जमानत याचिका खारिज होने के साथ ही उन्हें जेल भेज दिया गया है। साल 2010 में विरोध प्रदर्शन के दौरान राज्य सरकार की तीन बसों को आग लगाने के तीन अलग-अलग मामलों में एडीजे उमाशंकर शर्मा ने आरोपी समाजवादी पार्टी के एमएलसी सुनील यादव साजन की अंतरिम जमानत अर्जी खारिज कर दी।
कोर्ट ने आरोपी की नियमित जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए 13 अक्टूबर की तारीख तय की है। इसके पहले सपा एमएलसी ने एसीजेएम ज्ञानेंद्र त्रिपाठी की कोर्ट में आत्मसमर्पण किया और जमानत अर्जी दी।
जिस पर एसीजेएम ने आरोपी को न्यायिक हिरासत में लेकर उसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी। इस पर आरोपी की ओर से जिला न्यायाधीश के समक्ष नियमित जमानत के साथ ही अंतरिम जमानत अर्जी दी गई तथा मांग की गई कि नियमित जमानत अर्जी की सुनवाई तक आरोपी को अंतरिम जमानत दे दी जाए।
जिसे जिला न्यायाधीश ने सुनवाई के लिए एडीजे उमाशंकर शर्मा के समक्ष भेज दिया। एडीजे ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद जहां नियमित जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए 13 अक्तूबर की तारीख तय करते हुए अंतरिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया।
एडीजे कोर्ट से अंतरिम जमानत अर्जी खारिज हो जाने पर एसीजेएम ज्ञानेन्द्र त्रिपाठी ने आरोपी सपा एमएलसी सुनील सिंह यादव उर्फ साजन को जेल भेजने का आदेश दिया।
यह था मामला
रायबरेली जा रही बस के ड्राइवर निर्भय प्रताप सिंह ने 27 अप्रैल, 2010 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि बस को एल्डिको पुल के पास आरोपी ने अपने 10-12 साथियों के साथ रोक लिया और सपा नेताओं के जिंदाबाद के नारे लगा रहे आरोपियों ने सवारी व कंडक्टर नरेंद्र बहादुर को मारा फिर बस में आग लगा दी।
वहीं दूसरी रिपोर्ट बस मालिक जुगल किशोर ने लिखाई थी कि आरोपियों ने उसकी बस में आग लगा दी थी। वहीं तीसरी रिपोर्ट निजामुद्दीन ने दर्ज कराई थी कि धरना प्रदर्शन कर रहे लोगों की गिरफ्तारी के लिए मंगाई गई बस को विधानसभा के गेट संख्या 2 पर खड़ा किया गया था। इस बस को भी आरोपियों ने आग लगा दी थी।