बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती बने अखिलेश , जानिए क्या है सपा का मास्टर प्लान
सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ औऱ डिप्टी सीएम के लोकसभा सीटों से इस्तीफे के बाद होने वाले उपचुनाव को प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी एक चैलेंज के तौर पर ले रही है. समाजवादी पार्टी ने 2 सीनियर नेताओं को इस बात की जिम्मेदारी दी है कि गोरखपुर औऱ फूलपुर लोकसभा सीटों का जातीय और सामाजिक आकड़ा पार्टी कार्यालय में जमा करें. वहीं पिछले रिकार्डों को देखते हुए सपा अपने उम्मीदवारों को काफी सोच समझ कर मैदान में उतारेगी जहां भारतीय जनता पार्टी के लिए दोनों लोकसभा सीटों को बचाने का जहां चैलेंज रहेगा. वहीं सपा बीजेपी को पटखनी देने की तैयारी में है. सूत्रों की माने तो दोनों सीटों पर समाजवादी पार्टी औऱ कांग्रेस किसी तरह का समझौता भी कर सकते हैं. हालांकि अभी सपा औऱ कांग्रेस की तरफ से इस बात की पुष्टि नहीं हुई है लेकिन चर्चा है कि बीजेपी को हराने के लिए सपा फूलपुर में दिग्गज कांग्रेसी नेता प्रमोद तिवारी पर दांव आजमां सकती है. इससे पहले सपा ने प्रमोद तिवारी को राज्यसभा भेजने में काफी मदद की थी. गोरखपुर लोकसभा सीट को लेकर सपा का कांग्रेस साथ दे सकती है औऱ गोरखपुर से किसी मजबूत निषाद बिरादरी के नेता को उम्मीदवार बनाया जा सकता है.
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनावों औऱ आधार दर्जन डिग्री कालेजों में जीत के बाद सपा अपने हौसले को बुलंद बता रही है. वहीं लोकसभा की दोनों सीटों पर बीएसपी भी अपना दांव आजमाएगी लेकिन माना जा रहा है कि मुख्य लड़ाई बीजेपी औऱ सपा के बीच ही रहेगी.
बता दें, कि समाजवादी पार्टी क्योंकि मौजूदा वक्त में बीएसपी से ज्यादा बीजेपी पर हमलावर है इसलिए सपा दोनों उपचुनाव में संभल सभंल कर कदम बढायेगी. माना जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों में यादव परिवार के अंदरुनी मामलों में थोड़ी बर्फ जरुर गली है लेकिन मुलायम को यह बात कभी भी मंजूर नहीं रहेगी कि सपा ,कांग्रेस को वॉक ओवर दे .
गोरखपुर औऱ फूलपुर लोकसभा सीट की जीत हार से किसी भी पार्टी पर बहुत बड़ा फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन यह बात कम से कम साफ हो जाएगी कि सत्तारुढ़ दल औऱ विपक्ष के दावों में कितनी सच्चाई है.