देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि 2022 तक देश से उग्रवाद और नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ कर फेंक देंगे. उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीर की समस्या का समाधान लोगों के साथ मिलकर ही होगा.
लखनऊ के होटल ताज में आयोजित हिंदुस्तान शिखर समागम में बोलते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, "साढ़े तीन-चार साल पहले नक्सलवाद का जितना प्रभाव था, उसमें 55 प्रतिशत में कमी आई है. पूर्वोत्तर में जितना उग्रवाद था, उसमें 75 फीसदी की कमी आई है. झारखंड में नक्सलवाद का दायरा 5-7 जिलों तक ही सीमित रह गया है. लोग अब महसूस कर रहे हैं कि उन्हें सरकार के साथ विकास के लिए खड़े होना चाहिए. हमें लोगों का सहयोग मिल रहा है."
गृहमंत्री ने कहा कि भारत में अन्य देशों की अपेक्षा कम रेडिकलाइजेशन हुआ है. इसका श्रेय मैं यहां के इस्लाम मानने वाले लोगों को ही देना चाहता हूं.
पाकिस्तान को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. लगातार भारत को तोड़ने की कोशिश करता रहता है. उन्होंने कहा कि कश्मीर में सुरक्षाबलों ने अच्छा काम किया है. जिसकी वजह से वहां पत्थरबाजी में कमी आई है.
राजनाथ ने कहा, "कश्मीर की समस्या का समाधान लोगों के साथ मिलकर करेंगे. कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास किया जाएगा."
जम्मू से बड़ी तादाद में रोहिंग्या मुस्लिमों के बसने को लेकर उन्होंने कहा कि इस बारे में राज्य की पहले की सरकारों को ऐहतियात बरतनी चाहिए थी.
अपने कार्यकाल को आंकने के सवाल पर केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा, "इस सरकार के आने के बाद अंतरराष्ट्रीय जगत में भारत की साख बढ़ी है."