राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अखिलेश यादव को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया, शिवपाल को कमान

Update: 2016-09-13 14:59 GMT

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पार्टी अध्यक्ष पद से हटाकर शिवपाल यादव को कमान सौंपी गई है। पिछले काफी समय से अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच मतभेद की खबरें आ रही हैं। ऐसे में इस फैसले को संतुलन साधने के तौर पर देखा जा रहा है। 

सोमवार को ही अखिलेश यादव ने अपने दो मंत्री- गायत्री प्रसाद प्रजापति और राज किशोर सिंह को हटाया था। प्रजापति को मुलायम सिंह यादव का करीबी माना जाता है। इसके बाद मंगलवार को अखिलेश ने मुख्य सचिव दीपक सिंघल को हटाकर उनकी जगह राहुल भट्नागर को जिम्मेदारी सौंपी। स‌िंघल को इस पद पर रहते हुए दो महीने ही हुए थे। दीपक ‌स‌िंघल को श‌िवपाल यादव का करीबी माना जाता है।

मुख्य सचिव के हटने के कुछ घंटे बाद ही अखिलेश यादव को पार्टी अध्यक्ष से हटाने की खबर ने यूपी की सियासत में हलचल पैदा कर दी है। 
 

अखिलेश यादव और शिवपाल के बीच क्यों है मतभेद

अखिलेश यादव और शिवपाल के बीच मतभेद की खबरें सार्वजनिक तब हुई थीं, जब बाहुबली मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल के सपा में विलय की तैयारी शुरू हुई। शिवपाल और मुख्तार अंसारी के बीच सहमति बन चुकी थी, लेकिन ऐन मौके पर अखिलेश यादव ने विलय के फैसले को पलट दिया था।

पार्टी सूत्रों के हवाले से खबरें आईं कि शिवपाल ने मुलायम की मंजूरी के बाद ही कौमी एकता के विलय पर कदम आगे बढ़ाया था। बाद में अखिलेश को मनाने की काफी कोशिशें हुईं, लेकिन वह नहीं माने। 


इस मुद्दे पर टकराव के बाद शिवपाल ने अपने ही भतीजे की सरकार पर खुलेआम भ्रष्टाचार के आरोप लगा दिए थे। सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने भी एक कार्यक्रम में शिवपाल का पक्ष लेते हुए अखिलेश यादव को फटकार लगाई थी। 

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